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बेंगलुरु : लॉकडाउन के दौरान यौन उत्पीड़न के मामलों में कमी

बेंगलुरु सिटी पुलिस ने महिलाओं और छात्राओं की सुरक्षा के लिए एक मोबाइल एप्लिकेशन (ऐप) 'सुरक्षा' शुरू किया था. हर महीने करीब 2000 महिलाएं ऐप का इस्तेमाल करती हैं, लेकिन अप्रैल में 906 महिलाओं ने इसका इस्तेमाल किया है. दिलचस्प बात यह है कि कुछ महिलाओं ने ऐप का उपयोग यह बताने के लिए किया है कि उन्हें आवश्यक सेवाओं की आवश्यकता है.

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महिलाओं और छात्राओं की सुरक्षा के लिए एक मोबाइल एप्लिकेशन

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Published : May 18, 2020, 12:03 AM IST

बेंगलुरु : कोविड-19 महामारी ने लोगों के रोजमर्रा जीवन में कई बदलाव किए हैं. कोविड-19 का प्रसार रोकने के लिए लॉकडाउन लागू किया गया है. वहीं इस कारण से पिछले 50 दिनों में सिलिकॉन सिटी बेंगलुरु में महिलाओं के खिलाफ यौन उत्पीड़न का मामला भी काफी कम हो गया है.

बेंगलुरु सिटी पुलिस ने महिलाओं और छात्राओं की सुरक्षा के लिए एक मोबाइल एप्लिकेशन (ऐप) 'सुरक्षा' शुरू की थी. 'सुरक्षा' पूरी तरह से एकीकृत व्यक्तिगत सुरक्षा ऐप है. यह आपातकाल के दौरान महिलाओं और छात्राओं के स्मार्ट फोन को एक निजी सुरक्षा उपकरण में बदल देता है.

मोबाइल एप्लिकेशन 'सुरक्षा'

दरअसल, आपात स्थिति में एक कॉल और मौके की एक वीडियो क्लिप पुलिस तक पहुंचती है, जब मुसीबत में फंसी महिला ऐप से एसओएस (SOS) बटन दबाती है.

यह ऐप शहर पुलिस आयुक्त के कार्यालय में स्थित कमांड सेंटर को सूचना भेजता है और कर्मचारी स्थानीय क्षेत्र में गश्त करने वाले वाहनों को पीड़ित को बचाने के लिए घटनास्थल पर पहुंचने के लिए सचेत करते हैं.

आपको बता दें कि बेंगलुरु पुलिस ने हैदराबाद में एक महिला पशु चिकित्सक के खिलाफ यौन शोषण मामले के बाद ऐप लॉन्च किया था.

एक लाख से अधिक युवा महिलाओं ने अपनी सुरक्षा के लिए ऐप डाउनलोड किया था. लॉकडाउन की घोषणा से ज्यादातर महिलाएं और छात्राएं अपने घरों तक ही सीमित हैं. परिणामस्वरूप 'सुरक्षा' ऐप का उपयोग भी कम हुआ है.

आमतौर पर हर महीने करीब 2000 महिलाएं ऐप का इस्तेमाल करती हैं, लेकिन अप्रैल में 906 महिलाओं ने इसका इस्तेमाल किया है. साथ ही केवल 200 महिलाओं ने इस महीने में ऐप का उपयोग किया है, जो यह दर्शाता है कि उत्पीड़न के मामलों की संख्या में कमी आई है.

दिलचस्प बात यह है कि कुछ महिलाओं ने ऐप का उपयोग यह बताने के लिए किया है कि उन्हें आवश्यक सेवाओं की आवश्यकता है.

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