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12वीं कक्षा की शेष परीक्षाओं को रद्द करने के विषय पर निर्णय शीघ्र: केन्द्र और सीबीएसई ने कहा

शीर्ष अदालत ने कोरोना महामारी के बीच ही आईसीएसई द्वारा ली जाने वाली परीक्षाओं से संबंधित एक अन्य याचिका पर भी वीडियों कांफ्रेंस के माध्यम से सुनवाई की. न्यायालय ने मामले को यह कहते हुये 25 जून के लिये सूचीबद्ध कर दिया कि केन्द्र सीबीएसई की परीक्षाओं के संबंध में निर्णय लेने वाला है.

CBSE will make the Supreme Court aware
सीबीएसई सुप्रीम कोर्ट को कराएगा अवगत

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Published : Jun 23, 2020, 10:16 PM IST

नई दिल्ली :केन्द्र सरकार और सीबीएसई ने मंगलवार को उच्चतम न्यायालय को सूचित किया कि कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ रहे मामलों के मद्देनजर एक विशेषज्ञ समिति 12वीं कक्षा की एक से 15 जुलाई के बीच होने वाली शेष परीक्षाओं को रद्द करने के बारे में निर्णय लेने की प्रक्रिया के अंतिम चरण में है और उम्मीद है कि बुधवार तक इस बारे में कोई निर्णय लिया जा सकता है.

न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर, न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि सरकार और केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) छात्रों की चिंता से वाकिफ हैं और प्राधिकारी शीघ्र ही इस बारे में निर्णय लेंगे. उन्होंने पीठ से मामले को एक दिन के लिए स्थगित करने का अनुरोध किया और कहा कि वह उच्चतम न्यायालय को अधिकारियों के निर्णय से अवगत कराएंगे.

शीर्ष अदालत ने कोरोना महामारी के बीच ही आईसीएसई द्वारा ली जाने वाली परीक्षाओं से संबंधित एक अन्य याचिका पर भी वीडियों कांफ्रेंस के माध्यम से सुनवाई की. न्यायालय ने मामले को यह कहते हुये 25 जून के लिये सूचीबद्ध कर दिया कि केन्द्र सीबीएसई की परीक्षाओं के संबंध में निर्णय लेने वाला है.

न्यायालय 12वीं कक्षा की शेष परीक्षाओं के कार्यक्रम की 18 मई की अधिसूचना रद्द करने के लिये दायर याचिका पर भी सुनवाई कर रहा था.

पीठ ने सीबीएसई की परीक्षा के संबंध में अपने आदेश में कहा, ‘‘सालिसीटर जनरल ने हमें सूचित किया है कि विशेषज्ञ समिति इस मामले में बहुत जल्द ही अंतिम निर्णय लेने की प्रक्रिया में हैं और संभवत: कल तक. इन परिस्थितयों में हम इन मामलों की सुनवाई 25 जून अपराह्न दो बजे तक के लिये स्थगित करते हैं.’’

शीर्ष अदालत परीक्षा में शामिल होने वाले कुछ सीबीएसई छात्रों के अभिभावकों की याचिका पर सुनवाई कर रही है.

इस याचिका में सीबीएसई को पूर्व में ली गई परीक्षाओं के आधार पर परिणाम घोषित करने और इसे शेष विषयों के आंतरिक मूल्यांकन अंकों के औसत के आधार पर तय करने के निर्देश देने की मांग की गई है.

आईसीएसई की परीक्षाओं से संबंधित एक अन्य याचिका पर सुनवाई के दौरान इस बोर्ड के वकील ने पीठ से कहा कि वे सीबीएसई की परीक्षओं के मामले में सरकार के फैसले का ही व्यापक रूप से अनुपालन करेंगे.

इस याचिका में भी कोविड-19 महामारी के बीच भारतीय विद्यालय प्रमाणपत्र परीक्षा परिषद (आईएससीई) द्वारा ली गई परीक्षाओं को रद्द करने की मांग की गई है.

पीठ ने अपने आदेश में कहा कि आईएससीई की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता जयदीप गुप्ता के अनुरोध पर हम इस मामले की सुनवाई 25 जून को अपराह्न दो बजे के लिये स्थगित कर रहे हैं.

गौरतलब है कि बम्बई उच्च न्यायालय ने महाराष्ट्र में कोविड-19 के बढ़ते मामलों एवं इससे हो रही मौत पर कल चिंता जाहिर करते हुये आईसीएसई बोर्ड की 10 वीं एवं 12 वीं कक्षा की परीक्षाएं जुलाई में कराने की अनुमति दिये जाने के मामले में राज्य सरकार को उसका रुख स्पष्ट करने का निर्देश दिया था.

सीबीएसई ने 17 जून को न्यायालय से कहा था कि वह कोरोना महामारी के मामलों वृद्धि के मद्देनजर 12वीं कक्षा की शेष परीक्षा के आयोजन के बारे में याचिका में उठाये गये मुद्दे पर बहुत जल्द ही उचित फैसला करेगा.

लाखों बच्चों की सुरक्षा का सवाल उठाते हुये इस याचिका में कहा गया है कि कोविड-19 के मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है और इन परीक्षाओं में शामिल होने पर छात्रों को कोरोना वायरस के संक्रमण की चपेट में आने का जोखिम रहेगा.

पढ़े ; 12वीं की शेष परीक्षा के बारे में शीघ्र निर्णय लेंगे: सीबीएसई

याचिका में कहा गया है कि कोविड-19 की गंभीरता को देखते हुये बोर्ड ने विदेशों में स्थित करीब 250 स्कूलों में 10वीं और 12वीं की परीक्षायें रद्द कर दी हैं और प्रायोगिक परीक्षाओं अथवा आंतरिक आकलन के आधार पर छात्रों को अंक देने का तरीका अपनाया है. इसी तरह की प्रक्रिया अब भी अपनाई जा सकती है.

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