नई दिल्ली : मध्यप्रदेश में सियासी संकट गहरा गया है. कमलनाथ सरकार के गिरने की नौबत आ पहुंची है. उनके 17 विधायक बेंगलुरु जा चुके हैं. इस राजनीतिक उठा-पटक के केन्द्र में ज्योतिरादित्य सिंधिया बताए जा रहे हैं. हालांकि, उनकी ओर से अब तक कोई बयान सामने नहीं आया है. उनके नाम से तरह-तरह की खबरें चल रही हैं.
मीडिया रिपोर्ट की मानें तो ज्योतिरादित्य सिंधिया एक दिन पहले कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलने गए थे, लेकिन उन्हें समय नहीं दिया गया. कहा जाता है कि इससे सिंधिया बहुत ही क्षुब्ध थे. इस रिपोर्ट के अनुसार सिंधिया की मांग है कि उन्हें प्रदेश अध्यक्ष के साथ-साथ राज्यसभा की सीट मिलनी चाहिए.
इस दांव-पेंच के लिए यह जानना जरूरी है कि राज्य विधानसभा की अभी क्या स्थिति है. आपको बता दें कि मध्यप्रदेश में कुल 230 विधानसभा सीट हैं. इसमें से जौरा और आगर विधानसभा के विधायक का निधन हो गया है. इसलिए विधानसभा में 228 विधायक ही बचे हैं. कांग्रेस विधायक हरदीप डांग पद से इस्तीफा दे चुके हैं. उनका इस्तीफा अभी मंजूर नहीं हुआ है. बहुमत के लिए वर्तमान में 115 विधायक की जरूरत है. कांग्रेस के पास कुल 114 विधायक हैं. उसे दो बसपा और एक सपा विधायक का समर्थन है. चार निर्दलीय भी कमलनाथ सरकार के साथ हैं. इस संख्या को जोड़ दें, तो उनके पक्ष में 121 विधायक दिख पड़ते हैं.
पर, कांग्रेस के 17 विधायक गायब हैं. ये सभी विधायक बेंगलुरु में एक रिजॉर्ट में ठहरे हुए हैं. कर्नाटक में भाजपा की सरकार है. और भाजपा होली बाद 16 मार्च को विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी कर रही है.