नई दिल्ली: कुंभ मेले को लेकर कांग्रेस और भाजपा में जुबानी जंग शुरू हो गई है. कांग्रेस के नेता उदित राज ने कुंभ 2019 में खर्च किए गए पैसे पर सवाल उठाया. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार को कुंभ मेले के आयोजन पर 4200 करोड़ रुपये नहीं खर्च करने चाहिए. इस पर सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि भाजपा को गर्व है कि कुंभ 2019 पर पैसे खर्च किए.
कांग्रेस नेता उदित राज ने यूपी सरकार द्वारा कुंभ मेले के आयोजन में सरकारी पैसे के उपयोग पर सवाल खड़े किए हैं. उदित राज ने मदरसा और कुंभ की तुलना करते हुए गुरुवार को ट्वीट करके कहा कि असम सरकार ने सरकारी फंड से मदरसे न चलाने का फैसला लिया है. उसी तरह यूपी सरकार को कुंभ मेले के आयोजन पर 4200 करोड़ रुपये नहीं खर्च करने चाहिए. इस पर विवाद बढ़ता देख उदित राज ने अपना ट्वीट हटा लिया.
सिद्धार्थनाथ सिंह का बयान
इस पर लघु, सूक्ष्म और मध्यम उद्योग एवं निर्यात प्रोत्साहन मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश अगामी कुंभ में पिछले कुंभ की तुलना में दोगुना पैसा खर्च करेगी. उन्होंने कहा कि भाजपा को गर्व है कि हमने कुंभ 2019 पर पैसे खर्च किए.
संबित पात्रा का ट्वीट
उदित राज के विवादित ट्वीट के जवाब में भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा मित्रों ये है गांधी परिवार की सच्चाई. पहले एफिडेविट देकर सुप्रीम कोर्ट में कहा था भगवान राम मात्र काल्पनिक है. उनका कोई अस्तित्व नहीं, और अब प्रियंका वाड्रा का कहना है कि कुंभ मेला भी बंद होना चाहिए. तभी तो दुनिया कहती है राहुल और प्रियंका 'सुविधा-वादी' हिंदू हैं'.
अनुराग ठाकुर की प्रतिक्रिया
इस मामले पर केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि मुछे लगता है कि कुछ लोगों के पास विकास के लिए विचार और इच्छाशक्ति नहीं होती है. उन्होंने कहा कि सरकार को बुनियादी सुविधाओं को विकसित करना है और करोड़ों भक्तों को सुविधाएं प्रदान करना है, जो कुंभ मेले में आते हैं. इसी तरह कुंभ मेला, खेल के आयोजन और अन्य कार्यक्रमों के आधारभूत संचरना के विकास के लिए अवसर प्रदान करते हैं.
ठाकुर ने कहा कि राष्ट्रमंडल खेलों के दौरान, दिल्ली में एक बुनियादी ढांचा विकसित किया गया था. जी बैठक के लिए भी बुनियादी ढांचे को विकसित किया गया था. ऐसा नहीं इन बुनियादी सुविधाएं का विकास एक विशेष घटना के लिए नहीं होता है. इसका बाद में भी उपयोग किया जाता है.
उदित राज की सफाई
उदित राज ने ट्वीट पर सफाई देते हुए कहा कि धर्म को राजनीतिक से अलग होना चाहिए और राज्य को किसी भी धर्म में हस्तक्षेप, प्रोत्साहित या हतोत्साहित नहीं करना चाहिए. इस संदर्भ में मैंने कुंभ मेले के खर्च का उदाहरण दिया था, क्योंकि कुंभ मेल पर सरकार ने बहुत पैसा खर्च किया था. इससे कांग्रेस का कोई लेना देना नहीं. हमारे ट्वीट का गलत मतलब निकाला गया. इसके चलते हमने ट्वीट को हटा लिया.