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जम्मू कश्मीरः बच्चों की अवैध हिरासत का मामला अब संविधान पीठ के पास

कश्मीर में किए गए बदलावों के बाद बच्चो की अवैध हिरासत को चुनौती देने वाली याचिका दायर की गई थी. इस याचिका को अब कोर्ट ने संविधान पीठ के पास भेज दिया है. पढ़ें पूरी खबर...

सुप्रीम कोर्ट

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Published : Oct 1, 2019, 7:40 AM IST

Updated : Oct 2, 2019, 5:07 PM IST

नई दिल्लीः जम्मू एवं कश्मीर में बच्चों की अवैध हिरासत को चुनौती देने वाली याचिका को कोर्ट ने संविधान पीठ के पास भेज दिया है.

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को जम्मू एवं कश्मीर में बच्चों की अवैध हिरासत को चुनौती देने वाली याचिका संविधान पीठ के पास भेज दी.

गौरतलब है कि यह याचिका पांच अगस्त को जम्मू एवं कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद-370 को रद्द करने के बाद दायर की गई थी.

संविधान पीठ का हुआ गठन
शीर्ष अदालत ने शनिवार को न्यायमूर्ति एन. वी. रमना की अध्यक्षता में पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ का गठन किया था, जिसे अनुच्छेद-370 से संबंधित याचिकाओं की सुनवाई करनी है.

प्रधान न्यायाधीश ने क्या कहा था
यह याचिका दो बाल अधिकार कार्यकर्ताओं द्वारा दायर की गई है. इस संबंध में प्रधान न्यायाधीश ने 20 सितंबर को कहा था कि यह याचिका जम्मू-कश्मीर में बच्चों की हिरासत से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्न उठा रही है.

याचिका में क्या था शामिल
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कुछ याचिकाओं को संविधान पीठ के पास भेज दिया था जिसमें अनुच्छेद 370 को रद्द किया जाना और जम्मू कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा वापस लिया जाना शामिल था.

इन लोगों ने दायर की याचिका
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद, मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी नेता सीताराम येचुरी, बाल अधिकार कार्यकर्ता एनाक्षी गांगुली, कश्मीर टाइम्स की कार्यकारी संपादक अनुराधा भसीन, डॉक्टर समीर कौल और मलेशिया स्थित एनआरआई व्यवसायी की पत्नी आसिफा मुबीन ने इस बाबत याचिका दायर की हैं.

याचिकाएं हुई हस्तांतरित
प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने सभी याचिकाओं को संविधान पीठ के पास हस्तांतरित कर दिया है.

पांच जजों की पीठ
पांच जजों वाली संविधान पीठ का नेतृत्व न्यायमूर्ति एन.वी. रमना कर रहे हैं. इन याचिकाओं में घाटी में पाबंदियां और इंटरनेट बैन जैसे मुद्दे शामिल हैं.

क्या है याचिका
याचिका में कहा गया है कि जम्मू कश्मीर में लॉक डाउन के बाद से ही कई बच्चों को सुरक्षा एजेंसियों ने हिरासत में लिया है. इनमें कुछ बच्चों की उम्र 10 साल बताई जा रही है.

आपको बता दें, यह याचिका उस वक्त दायर की गई थी जब CJI रंजन गोगोई, जस्टिस एस ए बोबडे और जस्टिस एस अब्दुल नजीर की बेंच इस मामले में सुनवाई कर रहे थे कि मौजूदा हालात में क्या जम्मू और कश्मीर हाई कोर्ट पहुंचने में लोगों को दिक्कत हो रही है या नहीं.

मामले के संबंध में 16 सितंबर को बेंच ने हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस से रिपोर्ट मांगी थी और 17 सितंबर को HC के चीफ जस्टिस ने SC को रिपोर्ट भेज दी थी.

Last Updated : Oct 2, 2019, 5:07 PM IST

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