गुवाहाटी : गुवाहाटी: असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के अंतिम संस्करण के प्रकाशन से पहले राज्य में कानून-व्यवस्था की समीक्षा की है. शुक्रवार को मुख्यमंत्री ने राज्य के सभी 33 जिलों के पुलिस अधीक्षकों (एसपी) और उपायुक्तों (डीसी) के साथ बैठक की.
सोनोवाल ने उपायुक्तों और पुलिस अधीक्षकों को जिलों का दौरा करने और लोकप्रतिनिधि तथा एनजीओ समेत समाज के प्रभावी लोगों के साथ संपर्क बनाए रखने के निर्देश दिया. उन्होंने उनसे यह सुनिश्चित करने को कहा कि एनआरसी प्रक्रिया से संबंधित लोगों के बीच कोई गलतफहमी न रहे.
20वीं सदी की शुरुआत से बांग्लादेश से आने वाले लोगों के प्रवाह का सामना कर रहा असम एकमात्र राज्य है जहां एनआरसी है जो पहली बार 1951 में तैयार की गई थी.
इससे पहले गुरुवार को असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने राज्य के लोगों से अपील की. उन्होंने कहा कि 31 अगस्त को प्रकाशित की जा रही है अंतिम एनआरसी में जिनके नाम नहीं है वे लोग घबराए नहीं.
गृह मंत्रालय ने पहले ही उन कदमों और प्रक्रियाओं को स्पष्ट कर चुकी है. मंत्रालय ने कहा है कि एनआरसी से नामों को हटाने में प्रक्रियाओं का पालन किया जाना चाहिए.
सोनोवाल गुरुवार रात एक कार्यक्रम मे शिरकत के बाद पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि, राज्य तथा केंद्र सरकार हर मुमकिन कोशिश कर रही है, ताकि गलतियों के बिना NRC का प्रकाशन सुनिश्चित हो सके.
उन्होंने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट का पूरा आदर करते हुए समूची प्रक्रिया में सहयोग कर रहे हैं.