मुंबई : दवा निर्माण क्षेत्र की दिग्गज कंपनी सिप्ला ने कोविड-19 संक्रमित लोगों के लिए 68 रुपये में सिप्लेंजा टैबलेट लाने का एलान किया है. सिप्ला की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) से जरूरी नियामकीय मंजूरी मिल गई है. इसके बाद सिप्लेंजा दवा अगस्त के पहले सप्ताह में बाजार में उपलब्ध हो जाएगी. इसका नाम फैविपीरैविर (Favipiravir) होगा, जो सिप्लेंजा ब्रांड के तहत लॉन्च किया जाएगा.
फैविपीरैविर (Favipiravir) एक ऑफ पेटेंट, ओरल एंटी-वायरल ड्रग है. यह हल्के से मध्यम लक्षणों वाले कोविड -19 रोगियों की जल्द रिकवरी में सहायक सिद्ध हुआ है.
सिप्ला की ओर से जारी एक बयान में कहा गया, 'तेजी से बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए अपने प्रयासों के तहत, सिप्ला अगस्त के पहले सप्ताह में सिप्लेंजा को व्यावसायिक रूप से लॉन्च करेगी, जिसकी कीमत 68 रुपये प्रति टैबलेट है.'
दवा के उचित और न्यायसंगत वितरण को सुनिश्चित करने के लिए आपूर्ति मुख्य रूप से अस्पतालों के माध्यम से की जाएगी. इनमें उन क्षेत्रों को प्राथमिकता दी जाएगी, जहां कोविड -19 के ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं.
दवा को सिप्ला और सीएसआईआर (वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद) की ईकाई- इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ केमिकल टेक्नोलॉजी (आईआईसीटी) द्वारा संयुक्त रूप से विकसित किया गया है. इस साझेदारी के हिस्से के रूप में सीएसआईआर-आईआईसीटी ने फैविपीरैविर (Favipiravir) के लिए एक सुविधाजनक और कम लागत वाली प्रभावी सिंथेटिक प्रक्रिया विकसित की है.
बड़ी मात्रा में दवा के निर्माण और विपणन के सक्रिय दवा घटक (एपीआई) और पूरी प्रक्रिया को सिप्ला में स्थानांतरित कर दिया गया है. दवा के निर्माण और विपणन के लिए त्वरित मंजूरी का उद्देश्य कोविड -19 उपचार के लिए तत्काल और आपातकालीन उपयोग है. यह उपयोग चिकित्सा जरूरतों को पूरा करने के लिए प्रतिबंधित तरीके से किए जाएंगे.
इससे पहले बीते 21 जून को यह खबर सामने आई थी कि सिप्ला एंटी-वायरल दवा रेमडेसिवीर को भारत में सिप्रेमी के नाम से बेचेगी. सिप्ला लिमिटेड की ओर से जारी बयान में कहा गया कि प्रायोगिक एंडी-वायरल दवा रेमडेसिवीर को अपने ब्रांड नेम सिप्रेमी के तहत लॉन्च करेगी.
रेमडेसिवीर कोविड-19 संक्रमण के संदिग्ध या प्रयोगशाला में पुष्टि होने के बाद अस्पताल में भर्ती वयस्क या अवयस्क मरीजों के लिए अमेरिकी एफडीए से स्वीकृत एकमात्र इमर्जेसी यूज अथराइजेशन (ईयूए) इलाज है. अमेरिकी दवा निर्माता गिलीड साइंसेस ने मई में सिप्ला को रेमडिसवीर के सिप्ला के जेनेरिक संस्करण सिप्रेमी के विनिर्माण और विपणन के लिए एक स्वैच्छिक नॉन-एक्सक्लूसिव लाइसेंस दिए थे.
कंपनी ने एक बयान में कहा कि ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) ने आवश्यक चिकित्सा जरूरत पर विचार करते हुए संवर्धित स्वीकृति प्रक्रिया के हिस्से के रूप में देश में सीमित इमर्जेसी इस्तेमाल के लिए सिप्ला को नियामकीय मंजूरी दे दी है.
एक जोखिम प्रबंधन योजना के हिस्से के रूप में सिप्ला इस दवा के इस्तेमाल पर प्रशिक्षण मुहैया कराएगी, मरीज के सहमति दस्तावेज के बारे में सूचित करेगी. पोस्ट मार्केटिंग सर्विलांस कराएगी और साथ ही भारतीय मरीजों पर एक चौथे चरण का क्लीनिकल ट्रायल कराएगी.
सिप्ला के प्रबंध निदेशक और वैश्विक सीईओ, उमंग वोहरा ने कहा, 'स्प्लिा भारत में मरीजों के लिए रेमडेसिवीर को लाने के लिए गिलीड के साथ मजबूत साझेदारी की सराहना करती है. हमने कोविड-19 महामारी से प्रभावित लाखों जिंदगियों को बचाने के सभी संभावित उपायों को तलाशने में गंभीर रूप से निवेश किया है और यह लॉन्च इस दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है.'
एसीटीटी-1 (एडेप्टिव कोविड-19 ट्रीटमेंट ट्रायल 1) अध्ययन के अनुसार, अमेरिका, यूरोप और एशिया में 60 से अधिक केंद्रों पर 1,063 मरीजों पर रेमडिसिवीर के एक रैंडम क्लीनिकल ट्रायल से पता चला है कि इस दवा से अस्पताल में भर्ती मरीजों की क्लीनकल रिकवरी की रफ्तार प्लैसिबो की तुलना में तेज है.