नई दिल्लीः तेजी से बदले घटनाक्रम में आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तार पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम को सोमवार को उच्चतम न्यायालय से उस समय आंशिक राहत मिल गई जब शीर्ष अदालत ने कहा कि इस मामले में उन्हें फिलहाल तिहाड़ जेल नहीं भेजा जाएगा. इससे पहले, चिदंबरम ने उन्हें तिहाड़ जेल भेजने की बजाय घर में ही हिरासत में रखने की पेशकश की थी.
शीर्ष अदालत ने पहले अपराह्न करीब एक बजकर 40 मिनट पर निचली अदालत से कहा कि चिदंबरम की अंतरिम जमानत के अनुरोध पर आज ही विचार किया जाए और यदि उन्हें राहत नहीं दी जाती है तो उनकी सीबीआई हिरासत की अवधि तीन दिन के लिए बढ़ा दी जाएगी.
हालांकि, यह आदेश पारित करने के कुछ घंटों बाद सालिसीटर जनरल तुषार मेहता ने इस मामले का अपराह्न करीब तीन बजे उल्लेख किया और कहा कि पहले पारित किए गए आदेश को लागू करने में अधिकार क्षेत्र की दिक्कतें आएंगी.
न्यायमूर्ति आर भानुमति और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना की पीठ ने तुषार मेहता की दलीलें सुनने के बाद पीठ ने अपने आदेश में सुधार करते हुए चिदंबरम के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करने और बाद में उन्हें सीबीआई की हिरासत में देने के निचली
अदालत के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई की तारीख बृहस्पतिवार (पांच सितंबर) की बजाय मंगलवार (तीन सितंबर) कर दी.
शीर्ष अदालत ने मेहता द्वारा मौखिक रूप से किए गए उल्लेख पर अपने आदेश में सुधार किया. इससे पहले, मेहता ने कहा कि उनकी गणना के अनुसार चिदंबरम को हिरासत में लेकर पूछताछ करने की 15 दिन की अवधि मंगलवार को पूरी हो जाएगी और
सीबीआई उन्हें तीन दिन के लिए और हिरासत में नहीं ले सकती है.
मेहता के कथन का संज्ञान लेते हुये पीठ ने कहा कि सीबीआई निचली अदालत से चिदंबरम को आज, मंगलवार तक पुलिस हिरासत में देने का अनुरोध करने के लिए स्वतंत्र है.
भोजनावकाश से पहले के सत्र में चिदंबरम की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्ब्ल ने पीठ से कहा कि पूर्व मंत्री को गैर जमानती वारंट के आधार पर गिरफ्तार किया गया था और इसके बाद 12 दिन से वह सीबीआई की हिरासत में हैं. उन्होंने गैर जमानती
वारंट जारी करने और फिर कांग्रेस के नेता को सीबीआई की हिरासत में दिए जाने पर सवाल उठाए.
शीर्ष अदालत ने निचली अदालत से कहा था कि आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तार पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम को अंतरिम जमानत देने के आग्रह पर आज ही विचार करे. इससे पहले चिदंबरम ने न्यायालय से कहा कि उन्हें न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल नहीं भेजा जाए बल्कि घर में ही नजरबंद कर दिया जाए.
शीर्ष अदालत ने कहा था कि यदि निचली अदालत सोमवार को ही चिदंबरम के अंतरिम जमानत के अनुरोध पर विचार नहीं करती है तो उनकी सीबीआई हिरासत की अवधि और तीन दिन के लिए बढ़ा दी जाएगी.
पीठ ने सीबीआई को निर्देश दिया कि वह निचली अदालत द्वारा चिदंबरम के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करने और बाद में उन्हें जांच ब्यूरो की हिरासत में देने के आदेश को चुनौती देने के मामले में अपना जवाब दाखिल करे.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम की सीबीआई हिरासत की अवधि आज खत्म हो रही है और उन्हें दिन में संबंधित निचली अदालत में पेश किया जाएगा.
सिब्बल ने कहा, 'मुझे (चिदंबरम) अंतरिम जमानत दी जाए या फिर घर में गिरफ्तार करके रखा जाये. उन्हें तिहाड़ जेल नहीं भेजा जाए. वह 74 साल के वृद्ध व्यक्ति हैं और पिछले 12 दिन से सीबीआई की हिरासत में हैं.'
इस पर पीठ ने सवाल किया, 'क्या उन्होंने (चिदंबरम) नियमित जमानत का अनुरोध किया है? इस पर सिब्बल ने कहा कि चिदंबरम सीबीआई की हिरासत में हैं और उन्होंने अभी तक नियमित जमानत के लिए आवेदन नहीं किया है.
सिब्बल ने कहा, 'उन्होंने (सीबीआई) मेरे (चिदंबरम) निवास पर रात के 12 बजे एक नोटिस चस्पा किया और मुझे दो घंटे के भीतर पेश होने के लिए कहा. इस नोटिस के सहारे ही उन्होंने गैर जमानती वारंट हासिल किया. न्यायालय से इस तथ्य को छिपाया