नई दिल्ली : अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए 'श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट' के पास प्रस्तावित मंदिर के मॉडल और आकार को विस्तार देने सहित कई तरह के सुझाव आ रहे हैं. हालांकि, ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय का कहना है कि विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) एवं राम जन्मभूमि न्यास के मॉडल के अनुरूप ही मंदिर का निर्माण होना चाहिए.
मंदिर निर्माण से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कई सवालों के जवाब दिए. पढ़ें पांच प्रमुख सवालों पर चंपत राय के जवाब-
सवाल : मंदिर को भव्य रूप देने और आकार बढ़ाने का सुझाव आया है. इस विषय पर आप क्या कहेंगे?
जवाब: राम जन्मभूमि न्यास की ओर से प्रस्तावित मॉडल के अनुरूप ही मंदिर का निर्माण होना चाहिए . राम जन्मभूमि पर गगनचुंबी मंदिर के न्यास के प्रस्तावित मॉडल को खारिज किया जाना उचित नहीं है. राम मंदिर का निर्माण उसी मॉडल पर किया जाना चाहिए, जो तीन दशकों से समाज के मानसपटल पर अंकित है और कार्यशाला में उसी के अनुरूप पत्थरों का तराशने का काम चल रहा है. मॉडल में बदलाव से राम मंदिर निर्माण में काफी समय लगेगा .
सवाल : अयोध्या में प्रस्तावित राम मंदिर का भूमि पूजन या शिलान्यास कब होगा?
जवाब : सबसे पहले पुरातात्विक और स्थापत्य कला के विशेषज्ञ, इंजीनियर एक साथ बैठेंगे और भवन निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेन्द्र मिश्रा से विचार विमर्श करेंगे . एक पहलू यह भी है कि जहां गर्भगृह बनना है, उस भूमि की मिट्टी का परीक्षण होगा और उसके बाद ही शिलान्यास संभावित है.
वैसे भी मंदिर का शिलान्यास तो 1989 में कामेश्वर चौपाल ने कर दिया था, जो तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य भी बनाए गए हैं. हालांकि नए सिरे से निर्माण से पहले पूजन की परंपरा रही है और इन सभी विषयों पर ट्रस्ट की बैठक में चर्चा होगी और फैसला होगा .