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Published : Jan 30, 2020, 12:00 PM IST

Updated : Feb 28, 2020, 12:25 PM IST

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बोडोलैंड समझौता : एनडीएफबी गुटों के 1,615 सदस्यों ने समर्पित किए हथियार, हुए मुख्यधारा में शामिल

गत 27 जनवरी को दिल्ली में NDFB समूहों और असम सरकार के साथ एक त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद गुरूवार को एनडीएफबी के 1,615 कैडरों ने किया आत्मसमर्पण.

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एनडीएफबी का आत्मसमर्पण

गुवाहाटी : केंद्र सरकार के साथ शांति समझौते पर हस्ताक्षर करने के तीन दिन बाद बोडो उग्रवादी संगठन नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैंड (एनडीएफबी) के 1,615 सदस्यों ने बृहस्पतिवार को यहां असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल और राज्य के वित्त मंत्री हेमंत विश्व सरमा के सामने आत्म समर्पण कर दिया.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एनडीएफबी के कदम का स्वागत करते हुए कहा कि इससे स्पष्ट संदेश जाता है कि किसी समस्या का समाधान तभी संभव है जब हिंसा का रास्ता छोड़कर लोकतंत्र और संविधान में आस्था हो.

एनडीएफबी का आत्मसमर्पण
एनडीएफबी-प्रोग्रेसिव गुट के 836, एनडीएफबी-रंजन डैमरी गुट के 579, और एनडीएफबी (एस) के 200 सदस्यों का मुख्यधारा में स्वागत करते हुए सोनोवाल ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि इस कदम से अन्य गुटों को भी हथियार त्यागने और एक साथ मिलकर 'टीम असम' के लिए काम करने की प्रेरणा मिलेगी.

एनडीएफबी के सदस्यों ने एके-47 राइफलों, लाइट मशीन गनों और स्टेनगनों समेत 4,800 हथियारों सहित समर्पण किया.

सरकार ने असम के बोडो प्रभावित क्षेत्रों में स्थायी शांति लाने के उद्देश्य से सोमवार को एनडीएफबी और दो अन्य गुटों के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे जिसके द्वारा पृथक राज्य या केंद्र शासित प्रदेश की मांग को नकारते हुए राजनीतिक और आर्थिक लाभ दिए गए.

सोनोवाल ने कहा कि महात्मा गांधी की 72वीं पुण्यतिथि पर यह एक ऐतिहासिक दिन है और इस दिन से बोडो क्षेत्र में शांति और विकास का एक नया अध्याय प्रारंभ होगा.

मुख्यमंत्री ने कहा कि समर्पण करने वाले उग्रवादियों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए एक वृहद् पुनर्वास नीति बनाई जाएगी ताकि वे राष्ट्र निर्माण प्रक्रिया में सार्थक योगदान दे सकें.

असम और पूर्वोत्तर में स्थायी शांति के उद्देश्य से प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृहमंत्री द्वारा की गई शुरुआत के लिए उन्हें धन्यवाद देते हुए सोनोवाल ने कहा कि शांति समझौते से राज्य की एकता और अखंडता मजबूत होगी.

उन्होंने प्रयासों को अंजाम तक पहुंचाने के लिए मंत्रिमंडल के अपने सहयोगी हेमंत विश्व सरमा और बोडोलैंड क्षेत्रीय परिषद के अध्यक्ष हगरामा मोहिलारी की भूमिका की भी प्रशंसा की.

सोनोवाल ने कहा, 'हमें असम को भारत और पूरे दक्षिण एशिया का प्रगतिशील राज्य बनाने के लिए टीम असम के लिए मिलकर काम करना होगा. हिंसा का रास्ता छोड़कर आपने विकास की राह पकड़ी है.'

नयी दिल्ली में गृहमंत्री की मौजूदगी में सोमवार को हुए समझौते पर एनडीएफबी के चार गुटों के नेताओं, आल बोडो स्टूडेंट यूनियन और यूनाइटेड बोडो पीपल्स आर्गेनाइजेशन ने हस्ताक्षर किए.

सोनोवाल ने भी प्रत्यक्षदर्शियों में से एक के तौर पर हस्ताक्षर किया.

शाह ने समझौते को ऐतिहासिक करार दिया और कहा कि इससे बोडो लोगों की दशकों पुरानी समस्या का स्थायी समाधान होगा.

गृहमंत्री ने यह भी कहा कि पिछले कुछ दशकों में बोडो उग्रवादियों द्वारा की गई हिंसा में चार हजार लोग अपनी जान गंवा चुके हैं.

पिछले 27 वर्षों में बोडो उग्रवादियों के साथ किया गया यह तीसरा समझौता है.

पढ़ें :बोडो समझौते से असम में अराजकता पैदा होगी : उपमन्यु हजारिका

असम सरकार जल्दी ही अधिसूचना द्वारा देवनागरी लिपि में बोडो भाषा को राज्य की सह आधिकारिक भाषा घोषित करेगी.

Last Updated : Feb 28, 2020, 12:25 PM IST

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