चित्रकूट: आधार कार्ड को फायदेमंद बताकर सरकार ने सभी योजनाओं के लिए इसे अनिवार्य कर दिया. बिना आधार के किसी भी सरकारी योजना का लाभ नहीं मिल सकता. इसी आधार के कारण कुछ परिवारों की जिंदगी में स्याह अंधेरा पसर गया है. जिसकी एक मिसाल है जनपद के चुरेह मजरा स्थित सुखरामपुर में एक नेत्रहीन परिवार जो आधार न होने के चलते गरीबी और मुफलिसी में दिन गुजारने को मजबूर है.
दरअसल, एक छोटे से टूटे कच्चे घर में रहने वाले इस परिवार में एक छोटी बच्ची समेत चार सदस्य हैं, जिनमें से किसी का आधार कार्ड नहीं है. आधार बनाने के लिए स्कैनिंग की जरूरत होती है. ऐसे में इस परिवार की उम्मीद दम तोड़ चुकी है. बिना आधार कार्ड के इन्हें किसी सरकारी योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है.
आधार ने फैलाया नेत्रहीन परिवार की जिंदगी में अंधेरा
रामशरण का पूरा परिवार नेत्रहीन है. वह अपनी बूढ़ी मां और पत्नी गीता के साथ एक झोंपड़ी में जीवन काट रहे हैं. थोड़ी सी जमीन है जिसे बंटाई पर देकर गुजर-बसर हो जाती है. टूटे-कच्चे मकान में कुछ पुराने बर्तन और एक खाट पर पड़े पुराने गंदे बिस्तर के अलावा कुछ नही है. रामशरण की नेत्रहीन मां चूल्हा जलाने के लिए जंगल से लकड़ी चुनकर लाती हैं. रामशरण घर में रहकर पत्नी के साथ काम में हाथ बंटाता है.