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'BJP भारतीय सेना को निजी संपत्ति के रूप में इस्तमाल कर रही'

अखिल भारतीय किसान सभा के महासचिव हन्नान मोल्ला ने बीजेपी पर हमला बोला.

हन्नान मोल्ला

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Published : Mar 5, 2019, 9:05 PM IST

नई दिल्ली : अखिल भारतीय किसान सभा के महासचिव हन्नान मोल्ला ने बीजेपी पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि बीजेपी भारतीय सेना को अपनी निजी सम्पत्ति के रुप में इस्तमाल कर रही है. साथ ही उन्होंने कहा कि भाजपा को राजनीति करने से फुर्सत नहीं है.

3 और 4 मार्च को सीपीएम पोलित ब्यूरो की बैठक के समापन के बाद, ईटीवी भारत ने हन्नान मोल्ला से बात की.

सीपीआई के पोलित ब्यूरो ने पुलवामा हमले के बाद हुई कूटनीतिक वार्ता और विंग कमांडर अभिनंदन की वापसी पर एक बयान जारी किया था.

भाजपा पर इस मुद्दे का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाते हुए पश्चिम बंगाल के पूर्व सांसद ने कहा कि बीजेपी भारतीय सेना को अपनी निजी सम्पत्ति के रुप में इस्तेमाल कर रही है.

हन्नान मोल्ला से खास बातचीत, देखें

उन्होंने कहा कि यहां हमारे सशस्त्र बल मारे जा रहे हैं और दूसरी तरफ बीजेपी को श्रेय लेने से फुर्सत नहीं है.

भाजपा द्वारा विपक्ष से सलाह नहीं लिए जाने पर मुल्लाह ने तंज कसा कि ऑल पार्टी बैठक एक दिखावा था. उसमें केवल सुषमा स्वराज मौजूद थीं, ना तो प्रधानमंत्री और ना ही रक्षा मंत्री उस बैठक का हिस्सा बने. उन्होंने सिर्फ एक बयान जारी कर दिया और विपक्ष से राष्ट्रीय सुरक्षा के ऐसे महत्वपूर्ण मामले पर परामर्श करना भी जरूरी नहीं समझा.

मोल्ला जिन्होंने महाराष्ट्र राज्य में एक विशाल किसान रैली का आयोजन किया था, जिसमें राज्य भर से 50,000 से अधिक किसानों ने भाग लिया था, ने आरोप लगाया कि बीजेपी ने रैली को रोकने की पूरी कोशिश की.

उन्होंने कहा कि पालघर, ठाणे में भाजपा प्रशासन द्वारा किसानों को रोका गया, जिसकी वजह से हमें कई बार समय बदलने के लिए मजबूर होना पड़ा. बावजूद इसके भारी संख्या में किसान सामने आए.

मोदी सरकार द्वारा किसानों को दी जाने वाली 6000 रुपये की सहायता के मुद्दे पर बोलते हुए मुल्ला ने कहा कि 6000 रुपये की सहायता छोटी और कम खर्चीली होती है. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार द्वारा दी जा रही इस सहायता से किसान बीज तक नहीं खरीद पाएंगे, क्योंकि बीज, उर्वरक कीटनाशक, पानी और परिवहन की वास्तविक कीमतें बहुत बढ़ गई हैं.

साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार को यह समझने की जरुरत है कि महाराष्ट्र और राजस्थान जैसे राज्यों में दो हेक्टेयर जमीन होना मतलब ना के बराबर है.

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