हैदराबाद : बैसाखी मुख्य रूप से किसानों का पर्व है. यह पंजाब, हरियाणा और आसपास के प्रदेशों का प्रमुख त्यौहार है. इस दौरान रबी की फसल पककर तैयार हो जाती है. फसल काटने के बाद किसान नए साल का जश्न मनाते हैं.
बता दें कि 13 अप्रैल 1699 को सिखों के दसवें और अंतिम गुरु गोविंद सिंह जी ने खालसा पंथ की स्थापना की थी. उत्तर भारत के विभिन्न राज्यों में इसी दिन फसल पकने की खुशी में बैसाखी का त्यौहार बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है.
बैसाखी सिखों के नए साल का पहला दिन है. इस दिन लोग एक-दूसरे के घर जाकर बैसाखी की शुभकामनाएं देते हैं और जगह-जगह पर मेले लगते हैं.
आपको बता दें कि देश के अलग-अलग जगहों पर इसे अलग-अलग नामों से मनाया जाता है जैसे कि असम में बिहू, केरल में पूरम विशु और बंगाल में नबा वर्षा के नाम से लोग इसे मनाते हैं.
लॉकडाउन के चलते घरों में मनाया जाएगा त्यौहार