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भाजपा सांसद बोले- पता नहीं चला कब मेरी 'गृहलक्ष्मी' लेकर चले गए

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Published : Dec 21, 2020, 9:34 PM IST

पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले ऐसा कुछ देखा जा रहा है, जिसकी शायद ही किसी ने कल्पना की होगी. नेताओं की आपसी जिंदगी में जहर घुलने लगा है. भाजपा सांसद सौमित्र खां की पत्नी ने जैसे ही टीएमसी की सदस्यता ग्रहण की, पति ने संबंध तोड़ लेने की धमकी दे दी. क्या यह व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा का परिणाम है या फिर कुछ और, पढ़िए एक विश्लेषण ईटीवी भारत के बंगाल न्यूज कोऑर्डिनेटर दीपांकर बोस का.

सौमित्र खां और सुजाता मंडल
सौमित्र खां और सुजाता मंडल

कोलकाता :पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता पार्टी के लिए सौमित्र खां और सुजाता मंडल विष्णुपुर से काफी ताकतवर जोड़ी मानी जाती थी. लेकिन सुजाता ने जैसे ही टीएमसी का दामन थामा, पार्टी से लेकर उनकी अपनी जिंदगी में सबकुछ उलट-पुलट हो गया. पार्टी दफ्तर में सौगत रॉय और कुणाल घोष की मौजूदगी में सदस्यता ग्रहण करने के बाद उन्होंने कहा कि वह किसी राजनीतिक पार्टी की 'बी' टीम में क्यों रहें, जब टीएमसी यहां की नंबर वन पार्टी मौजूद है.

यह खबर जैसे ही सामने आई, उनके पति सौमित्र खां पूरी तरह से भन्ना गए. उन्होंने कहा कि वह सुजाता के साथ अपना संबंध तोड़ लेंगे. वह डायवोर्स का नोटिस देंगे. खां प. बंगाल भाजपा युवा मोर्चा के अध्यक्ष हैं.

उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि मैं राजनीतिक गतिविधियों में व्यस्त रहता हूं. मुझे पता ही नहीं चला कि कब मेरे घर की 'लक्ष्मी' को लेकर वे चले गए. उन्होंने मेरे घर को जलाने की कोशिश की. पानी की आपूर्ति बाधित कर दी. राज्य के लोगों की नौकरी ममता बनर्जी और अभिषेक बनर्जी ने छीन ली. लेकिन मैंने आपका भरोसा नहीं तोड़ा. मैंने ऐसी कोई स्थिति पैदा नहीं की, कि आपको मुझसे पैसा मांगना पड़े. आज सुजाता ने ऐसे लोगों के साथ हाथ मिलाया, जिन्होंने आप सबका सबसे अधिक नुकसान पहुंचाया है. इतना बोलते-बोलते सौमित्र खां की आंखों से आंसू निकल पड़े.

उनके जवाब में सुजाता ने कहा कि टीएमसी ज्वाइन करने का निर्णय मेरा है. मैं यह चुनौती स्वीकार करती हूं. मैंने बिना किसी संरक्षण के भाजपा के लिए लड़ाई लड़ी और अब अधिक खतरा महसूस कर रही हूं. जिनके खिलाफ मैं लड़ाई लड़ती रही हूं, वही लोग आज भाजपा का साथ दे रहे हैं. टीएमसी के साथ जो नेता भ्रष्टाचार में डूबे थे, वे उनके सदस्य बन गए. इन लोगों ने मेरे योगदान की कभी कद्र नहीं की. भाजपा के अंदर सीएम के कुल छह दावेदार हैं, जबकि उप मुख्यमंत्री पद के 13 दावेदार हैं. विधानसभा चुनाव से पहले मेरे लिए अपनी जनता के सामने कुछ कह पाना कठिन होता जा रहा था.

आपको बता दें कि 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान सौमित्र के प्रचार के लिए सुजाता ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया था. तब कोलकाता हाईकोर्ट ने सौमित्र के बांकुड़ा जाने पर प्रतिबंध लगा दिया था. उनके खिलाफ कुछ युवकों ने नौकरी देने के बदले पैसा लेने का आरोप लगाया था. सुजाता 2014 में बिष्णुपुर से टीएमसी सांसद चुनी गई थीं. 2011 में कतुलपुर से सौमित्र विधानसभा के सदस्य बने थे. 2013 में उन्होंने टीएमसी का दामन थामा था.

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भाजपा के अंदरुनी सूत्र बताते हैं कि जिस तरीके से सुजाता उभर रही थीं, संभवतः महत्वाकांक्षा की वजह से उन्होंने ऐसा निर्णय लिया हो. पांच नवंबर को जब अमित शाह बांकुड़ा आए थे, तो उस समय तक सुजाता लगातार भाजपा के साथ थीं. पार्टी नेताओं ने बताया कि क्योंकि भाजपा परिवारवाद के खिलाफ है, लिहाजा उन्हें टिकट नहीं पाने का भय सता रहा था. वह आश्वासन चाहती थीं कि उन्हें पति की सीट पर टिकट दिया जाए. सौमित्र ने कहा कि मेरी पत्नी सुजाता ने बड़ी गलती की है, वह राजनीतिक रूप से ट्रैप कर ली गई है.

हालांकि, इसके जवाब में सुजाता ने कहा कि भविष्य में कौन जानता है कि आप पाला नहीं बदलेंगे. मेरे साथ भी आ सकते हैं.

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