नई दिल्ली: आईएनएक्स केस में पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम की आज दिल्ली हाईकोर्ट ने अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी. उसके बाद उनके घर पर सीबीआई की टीम पहुंची. थोड़ी ही देर में सीबीआई वहां से निकल गई. उस समय चिदंबरम अपने घर पर नहीं थे. इसके बाद दिल्ली के जोरबाग स्थित उनके आवास पर ईडी की भी टीम पहुंची. आइए जानते हैं आखिर क्या है पूरा मामला और क्या है उसकी पृष्ठभूमि.
15.05.2017: CBI ने FIR दर्ज की, इसके अनुसार विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (FIPB) में अनियमितता का आरोप लगाते हुए INX मीडिया को 2007 में 305 करोड़ रुपये की विदेशी धनराशि प्राप्त करने के लिए मंजूरी दी गई थी, उस समय पी चिदंबरम केंद्रीय मंत्री थे.
16.06.2017: केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधीन विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण अधिकारी (FRRO) और आप्रवासन ब्यूरो ने कार्ति के खिलाफ परिपत्र (LOC) जारी किया.
10.08.2017: मद्रास हाईकोर्ट ने कार्ति और चार अन्य के खिलाफ जारी किए गए एलओसी पर रोक लगाते हुए कहा कि इसकी जरूरत नहीं है.
14.08.2017: सुप्रीम कोर्ट ने मद्रास HC के आदेश को बरकरार रखा, जिसमें कार्ति के खिलाफ केन्द्र ने LOC जारी किया था.
18.08.2017: SC ने कार्ति को 23 अगस्त को CBI के सामने पेश होने के लिए कहा.
11.09.2017: CBI ने SC को बताया कि उसने विदेशों में 'संभावित लेनदेन' और कार्ति चिदंबरम के 25 कथित अपतटीय (ऑफशोर) संपत्तियों के बारे में जांच पर मुहर लगा दी है.
22.09.2017: CBI ने SC को बताया कि कार्ति को विदेश यात्रा करने से रोका गया, क्योंकि वह कथित रूप से अपने कई विदेशी बैंक खातों को बंद कर रहे थे.
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09.10.2017: कार्ति ने अपनी बेटी को कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में दाखिला लेने के लिए यूनाइटेड किंगडम जाने के लिए SC की मंजूरी मांगी और यह बताने की इच्छा व्यक्त की कि वह वहां किसी भी बैंक में नहीं जाएगा.
09.10.2017: पी चिदंबरम ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार उनके और उनके बेटे के खिलाफ 'राजनीति से प्रेरित प्रतिशोध' की भावना से काम कर रही है.