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संसद के आगामी सत्र में कृषि और किसानों पर होगा सरकार का ध्यान

मोदी सरकार कृषि और किसानों से संबंधित दो महत्वपूर्ण बिल लोकसभा के आगमी सत्र में पेश करने वाली है. इस पर चर्चा करने के लिए किसान संगठन भारतीय कृषक समाज ने एक आयोजन किया. कृषि राज्य मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला भी इसमें मौजूद रहे. जानें पूरा विवरण...

कृषि राज्य मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला

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Published : Nov 13, 2019, 12:06 AM IST

Updated : Nov 13, 2019, 7:00 PM IST

नई दिल्ली: लोकसभा के आगमी सत्र में मोदी सरकार कृषि और किसानों से संबंधित दो महत्वपूर्ण बिल पेश करने जा रही है. इनमें से एक बीज विधेयक और दूसरा कीटनाशक प्रबंधन विधेयक है.

ये दोनों ही विधेयक किसानों के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण हैं और इसी पर चर्चा करने के लिये आज किसान संगठन भारतीय कृषक समाज ने दिल्ली में एक चर्चा का आयोजन किया. इस चर्चा में केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे थे.

किसान नेताओं ने अपना पक्ष रखते हुए कृषि राज्य मंत्री के सामने मांग रखी कि उन्हें इस तरह के बीज उपलब्ध कराए जाएं, जो कि मौसम के बदलते प्रभाव और कम से कम पानी की उपलब्धता में भी बेहतर फसल दे सके. वहीं, नकली बीज बाजार में आने का मुद्दा भी उठाया गया.

भारतीय कृषक समाज की तरफ से अध्यक्ष कृष्णबीर चौधरी ने किसानों का पक्ष रखा. वहीं, परषोत्तम रुपाला ने किसानों को आष्वस्त किया कि कानून कोई भी बने, लेकिन उसमें किसानों के हित का ही ख्याल रखा जाएगा.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

मौसम के बदलते प्रभाव में किसानों को सबसे ज्यादा नुकसान उठाना पड़ता है. कभी सूखे की मार तो कभी अल्प वृष्टि की वजह से कम उत्पाद और अगर बारिश होती है तो इतनी ज्यादा हो जाती है कि पूरे फसल को ही बर्बाद कर देती है.

ऐसे में शोध के साथ ऐसे बीज अगर लाये जाए, जो मौसम के कुप्रभावों को झेलते हुए भी बेहतर उत्पाद दे सके तो किसानों की बड़ी समस्या सुलझ सकती है. इसके लिये बहुत जरूरी है कि कीटनाशक का इस्तेमाल भी समझदारी के साथ किया जाए.

ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री परषोत्तम रुपाला ने कहा कि एक सार्थक चर्चा भारतीय कृषक समाज ने आयोजित की है और सरकार इनके सुझावों को ध्यान में रखेगी.

भारतीय कृषक समाज के अध्यक्ष कृष्णबीर चौधरी ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि ये एक मिथक है कि अगर किसान कम से कम कीटनाशक और खाद का इस्तेमाल करेगा तो उत्पादकता कम हो जाएगी । ऐसी बातें वो लोग फैला रहे हैं जिन्हें अपनी दुकानें बंद होने का खतरा दिख रहा है और जिन्हें पर्यावरण का बिल्कुल खयाल नहीं है.

जैविक खेती से भी बराबर उत्पादकता किसान निकाल सकते हैं. हमारा लक्ष्य किसानों के बीज के अधिकार को बनाये रखना है और देश की खाद्यान सुरक्षा को, जो आज तक किसान ने बरकरार रखा है उसे आगे भी बरकरार रखना है. आज बीज के क्षेत्र में, जो कंपनिया आना चाहती हैं वो किसानों से अनाप शनाप कीमत न वसूलें और इसके लिये सीड प्राइस रेगुलेटरी अथॉरिटी का गठन होना चाहिये जिसमें किसानों का भी प्रतिनिधित्व हो.

केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री के सीधे संवाद से कार्यक्रम में पहुंचे किसान भी संतुष्ट दिखे. अब सबकी निगाहें लोकसभा के आने वाले सत्र में पेश होने वाले दोनों बिल पर है. देखने वाली बात होगी कि मोदी सरकार इन बिलों में किसानों और कंपनियों के हित का खयाल कैसे रखती है.

Last Updated : Nov 13, 2019, 7:00 PM IST

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