नई दिल्ली : ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (AASU) और नॉर्थ ईस्ट स्टूडेंट ऑर्गेनाइजेशन (NESO) ने नागरिकता संशोधन अधिनियम को लेकर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के परिप्रेक्ष्य में कहा है कि वे सीएए का विरोध जारी रखेंगे.
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने सीएए को चुनौती देने वाली 59 याचिकाओं पर बुधवार को सुनवाई की, लेकिन इस पर रोक लगाने से इनकार कर दिया. हालांकि शीर्ष न्यायालय ने केंद्र से इस बाबत विस्तृत रिपोर्ट मांगी है.
तरुण गोगोई ने दिया बयान
असम के पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने कहा, 'हमें पूरी उम्मीद है कि हमारे हक में फैसला सुनाया जाएगा. हम आशा करते हैं कि हमें न्याय मिलेगा.'
प्रशांत भूषण से ईटीवी भारत ने की बातचीत
सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने कहा कि 40 याचिकाएं दायर की गई थीं, इनमें से ज्यादातर को धर्म के आधार पर भेदभाव बताकर दायर किया गया था जबकि असम की तरफ से जो याचिकाएं दायर हुई थीं, वे सभी थोड़ी अलग थीं. उनमें कहना यह था कि देश के बाहर के लोगों को नागरिकता देकर हमारे राज्य में रहने दिया जा रहा है. जबकि यह हमारी पहचान के खिलाफ है.
एएसयू अध्यक्ष की ईटीवी भारत से बातचीत
ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (AASU) अध्यक्ष दीपंका कुमार नाथ ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा, 'हम लोग सिटीजनशिप एमेंडमेंट एक्ट (सीएए) के खिलाफ अपना आंदोलन जारी रखेंगे, सरकार उन पर कुछ भी आरोप नहीं लगा सकती. सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी आज का निर्देश हमारे लिए एक जीत है.'
नाथ ने सीएए को लेकर केंद्र को जारी सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का हवाला देते हुए यह बात कही.