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क्या देखा है प्लास्टिक की बोतलों से बना घर, नहीं लगी है एक भी ईंट

प्लास्टिक का घर सुनकर अजीब सा लग रहा है, लेकिन यह सच में है. असम के हैलाकांडी जिले के आंनखला में सिंगला गांव में एक आंगनबाड़ी केंद्र का निर्माण किया जा रहा है, जहां प्लास्टिक की बोतलों का प्रयोग किया जा रहा है.

A house made of no bricks but plastic
प्लास्टिक का घर

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Published : Oct 4, 2020, 11:00 PM IST

हैलाकांडी (असम): हर कोई जानता है कि प्लास्टिक समाज के लिए खतरा है, फिर भी मानव इसका लगातार उपयोग कर रहा है. प्लास्टिक एक विनाशकारी घटक जो जैव विविधता और पर्यावरण के विनाश में भी अग्रणी भूमिका निभा रहा है.

प्लास्टिक के इस्तेमाल के खिलाफ दुनियाभर में विरोध हो रहा है, वहीं आज हम आपको एक ऐसी जगह ले जाना चाहते हैं, जो आपको आश्चर्य मे डाल देगा. यह जगह आपको प्लास्टिक के उपयोग को खत्म करने के बजाय प्लास्टिक का उपयोग करने के एक नए तरीके से परिचित कराएगी. यह अनोखी जगह असम के हैलाकांडी जिले के आंनखला में सिंगला गांव में है.

इस गांव में एक ऐसा आंगनबाड़ी केंद्र बनाया जा रहा है, जो इसे अपवाद बनाता है. बता दें, इस प्लास्टिक के घर का निर्माण ईंटों के बजाय बेकार पड़ी प्लास्टिक की बोतलों से किया जा रहा है. यह पहल इस तथ्य को साबित करने के लिए पर्याप्त है कि हम जिस चीज के बारे में कहते रहते हैं उसे भौतिक रूप से बदलने की वास्तविक शक्ति रखता है.

पहली बार बराक घाटी में इस आंगनबाड़ी केंद्र को अभिनव तरीके से बनाया जा रहा है. यद्यपि निर्माण की दृष्टि से प्लास्टिक की बोतलों का प्रयोग प्रयोगात्मक रूप से किया जाता रहा है, फिर भी जिला प्रशासन इसे लेकर काफी आशान्वित है. इस तरह के उद्देश्य के लिए प्लास्टिक का रीसाइक्लिंग निश्चित रूप से पूरे मानव समाज के लिए एक संदेश है.

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