नई दिल्ली : राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शिक्षक दिवस के मौके पर पहली बार वर्चुअल तरीके से आयोजित पुरस्कार समारोह में देशभर के 47 शिक्षकों को राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया. राष्ट्रीय पुरस्कार विजेताओं में लगभग 40 प्रतिशत महिलाएं हैं.
राष्ट्रपति ने शिक्षक के रूप में महिलाओं की निभाई गई भूमिका की सराहना की. राष्ट्रपति ने पुरस्कार विजेताओं को बधाई दी. पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एस. राधाकृष्णन को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि वह एक दूरदर्शी, राजनेता और इससे भी बढ़कर एक असाधारण शिक्षक थे. शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाने वाला उनका जन्मोत्सव राष्ट्र के विकास में उनके योगदान का महज प्रतीक है और पूरे शिक्षक समुदाय के लिए सम्मान की निशानी भी है.
उन्होंने आगे कहा कि शिक्षक राष्ट्र के सच्चे निर्माता हैं, जो बच्चों के चरित्र और ज्ञान के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.
राष्ट्रपति कोविंद ने कोविड महामारी के चुनौतीपूर्ण समय में डिजिटल प्रौद्योगिकी के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि हमारे शिक्षक इस तकनीक का सहारा बच्चों तक अपनी पहुंच बनाने में ले रहे हैं. सभी शिक्षकों के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वह डिजिटल तकनीक के क्षेत्र में अपने कौशल को बढ़ाएं और इसे अपडेट करें ताकि शिक्षा को और अधिक प्रभावी बनाया जा सके और छात्रों को भी नई तकनीक में निपुण बनाया जा सके.
राष्ट्रपति कोविंद ने कहा, ऑनलाइन शिक्षा प्रणाली ने अभिभावकों के लिए शिक्षकों के साथ जुड़ना और बच्चों को सीखने के नए क्षेत्रों में रुचि जगाना अनिवार्य बना दिया है. समाज में डिजिटल सुविधा की गैर-बराबरी की ओर इशारा करते हुए उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि इस दिशा में ठोस कदम उठाए जाने चाहिए ताकि आदिवासी और दूर-दराज के क्षेत्रों के बच्चे भी लाभान्वित हो सकें.
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राष्ट्रपति कोविंद ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के बारे में बात करते हुए कहा, शुरू की गई नई शिक्षा नीति हमारे बच्चों को भविष्य की जरूरतों के लिए तैयार करने का एक प्रयास है और इसे विभिन्न हितधारकों की राय पर विचार-विमर्श के बाद तैयार किया गया है. अब इस शिक्षा नीति को सफल और फलदायी बनाने की केंद्रीय भूमिका में शिक्षक ही हैं.