देहरादून : उत्तराखंड के मुनस्यारी में बादल फटने से कुल 14 लोगों की मौत हो गई है. इसमें टांगा गांव के 11 और गैला गांव के 3 लोग शामिल हैं. टांगा गांव में मरने वालों में छह महिलाएं, पांच पुरुष शामिल हैं. इनमें एक ही परिवार के छह सदस्य शामिल हैं. रेस्क्यू टीम ने अब तक आठ शव बरामद कर लिए हैं. इनमें गैला में एक परिवार के तीन शव शामिल हैं. छह अन्य लोगों के शवों की तलाश जारी है.
बता दें कि मुनस्यारी में बादल फटने से तबाही का खौफनाक मंजर देखने को मिला था. बंगापानी तहसील के टांगा और गैला गांव में बादल फटने से मची तबाही का मंजर दिल दहला देने वाला है. भूस्खलन की चपेट में आने से दोनों गांव में 14 जिंदगियां काल के गाल में समा गईं. गैला में तीन शव बरामद कर लिए गए हैं जबकि टांगा में पांच शव बरामद कर लिए गए हैं. अब भी छह लोगों के शवों की खोजबीन जारी है.
प्रकृति के तांडव ने टांगा गांव को कब्रिस्तान में तब्दील कर दिया है. गांव में चारों तरफ मलबे में दबे शवों को खोजा जा रहा है. जो गांव कभी खुशहाली से आबाद था, वहां अब लोग खौफ के साये में जीने को मजबूर हैं. ये गांव अब अपने बाशिंदों को ही डरा रहा है. गांव के लोग सरकार से विस्थापन की मांग कर रहे हैं.
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रविवार की रात को बादल फटने से टांगा गांव में 3 मकान और गैला गांव में 2 मकान जमींदोज हो गए थे. इस दोनों घटनाओं में कुल 14 लोग अपने आशियाने के साथ जिंदा दफन हो गए. बंगापानी तहसील के इस इलाके में प्रकृति ने ऐसा तांडव मचाया कि यहां हर ओर पानी और मलबा ही नजर आ रहा है. सड़कें मलबे से पटी हैं तो पहाड़ों से कई नाले बहने लगे हैं. ऐसे में प्रशासन के लिए प्रभावित गांवों तक राहत पहुंचना भी किसी चुनौती से कम नहीं है.