हैदराबाद : स्वदेशी कोरोना वैक्सीन कोवैक्सिन विकसित करने वाली भारत बायोटेक को जीनोम वैली ऑफ एक्सीलेंस अवार्ड से सम्मानित किया गया है. तेलंगाना के आईटी मंत्री केटीआर ने आज भारत बायोटेक के सीएमडी कृष्णा एला और संयुक्त प्रबंध निदेशक सुचित्रा एला को जीनोम वैली ऑफ एक्सीलेंस अवार्ड्स प्रदान किए.
बता दें कि यह पुरस्कार हर उन लोगों को दिया जाता हैं, जिन्होंने जीव विज्ञान के क्षेत्र में उत्कृष्ट सेवा प्रदान करते हैं.
उल्लेखनीय है कि भारत ने कोविड वायरस से निपटने के लिए ICMR के साथ मिलकर बायोटेक वैक्सीन विकसित की है.
इस अवसर पर जीनोम वैली ऑफ एक्सीलेंस अवार्डी डॉ कृष्णा एला ने कहा कि यह पुरस्कार सिर्फ मेरे लिए नहीं है. यह फार्मा, जीवन विज्ञान पारिस्थितिकी तंत्र (life sciences ecosystem) के लिए हैं. देश में लगभग 65 फीसदी वैक्सीन का उत्पादन हैदराबाद में होता है. चाहे वह भारतीय बायोटेक हो या बायोलॉजिकल-ई या शांता बायोटेक हो इसका उचित प्रचार नहीं हो रहा है.
उन्होंने कहा कि हैदराबाद को पर्याप्त मान्यता नहीं मिल रही है. मैं गारंटी देता हूं कि भविष्य के कोई भी महामारी हुई उसके लिए टीके हैदराबाद में ही विकसित होंगे, चाहे वे भारत बायोटेक में बने या कहीं और यह कोई बड़ी बात नहीं है.
डॉ कृष्णा एला ने आगे कहा कि हैदराबाद वैक्सीन उत्पादन का 65 प्रतिशत वैक्सीन उपलब्ध कराने क्लस्टर है. यह हैदराबाद को छोड़कर दुनिया के किसी भी शहर में नहीं पाया जाता है. चीन समेत दुनिया में कहीं भी ऐसा कोई क्लस्टर नहीं है. जीनोम घाटी सबसे बहतर है. यह दुनिया के लिए एक महान केंद्र बनने जा रही है.