कोलकाता : पश्चिम बंगाल परिवहन विभाग (West Bengal Transport Department) ने अत्यंत महत्त्वपूर्ण व्यक्तियों की अपनी नई सूची में राज्यपाल, मुख्यमंत्री, विधानसभा अध्यक्ष और कलकत्ता उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश का नाम शामिल नहीं किया है जो अपने वाहनों पर नीली-लाल बत्ती का इस्तेमाल कर सकते हैं.
हालांकि, राज्य के परिवहन मंत्री फरहाद हाकिम ने इसे यह कहते हुए तर्कसंगत ठहराया है कि अधिसूचना में इन चार पदाधिकारियों के नाम इसलिए शामिल नहीं किए गए हैं क्योंकि 'वे ऐसी सूचियों से ऊपर हैं और लाल बत्तियां इस्तेमाल करना जारी रख सकते हैं.'
हाकिम ने कहा, 'अधिसूचना में केवल उन्हीं का जिक्र है जो आपातकालीन या आपदा प्रबंधन दायित्वों से जुड़े हुए हैं. राज्यपाल, मुख्यमंत्री, विधानसभा अध्यक्ष और कलकत्ता उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश लाल बत्तियां इस्तेमाल करना जारी रखेंगे क्योंकि ये वीवीआईपी ऐसी सूचियों से ऊपर हैं. इसे लेकर किसी तरह का भ्रम नहीं होना चाहिए.'
पश्चिम बंगाल में, इन चार पदाधिकारियों को आपातकालीन या आपदा प्रबंधन कर्तव्यों में शामिल लोगों के अलावा किसी अन्य द्वारा इसके उपयोग पर केंद्र के प्रतिबंध के बावजूद लाल बत्ती का उपयोग करने की अनुमति दी गई है.
वरिष्ठ परिवहन अधिकारी ने बताया कि नई सूची 'छूट पाने एवं लाभ लेने के लिए' खुद को वरिष्ठ सरकारी अधिकारी बताने और अपने वाहनों के ऊपर नीली बत्ती लगाकर चलने वाले कई लोगों की गिरफ्तारी के बाद प्रकाशित की गई है.
अधिकारी ने कहा, 'किसी भी विवाद की कोई संभावना नहीं है. हमने यह सूची केवल यह सुनिश्चित करने के लिए प्रकाशित की है कि अनधिकृत लोग नियमों का उल्लंघन नहीं करें. इसमें आपातकालीन एवं आपदा प्रबंधन कार्यों में शामिल अधिकारियों एवं वीवीआईपी के नाम हैं.'