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उत्तराखंड के इंटरनेशनल चेस मास्टर सक्षम को मिली अमेरिकन स्कॉलरशिप, टेक्सास यूनिवर्सिटी में करेंगे पढ़ाई

उत्तराखंड के पहले इंटरनेशनल मास्टर शतरंज खिलाड़ी सक्षम रौतेला को अमेरिका की टैक्सास यूनिवर्सिटी से स्कॉलरशिप मिली है. टेक्सास यूनिवर्सिटी सक्षम की पढ़ाई का खर्चा उठाएगी. साथ ही 24 लाख रुपए की सालाना छात्रवृत्ति भी देगी.

Chess International Master award
उत्तराखंड के इंटरनेशल चेस मास्टर सक्षम को मिली अमेरिकन स्कॉलरशिप.

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Published : Aug 12, 2022, 2:51 PM IST

Updated : Aug 12, 2022, 7:11 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड के पहले इंटरनेशनल शतरंज खिलाड़ी सक्षम रौतेला को अमेरिका की टेक्सास यूनिवर्सिटी की स्कॉलरशिप मिली है. अब सक्षम टेक्सास यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन करेंगे. साथ ही वहां पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को शतरंज के गुर भी सिखाएंगे.

बता दें कि शतरंज खिलाड़ी सक्षम रौतेला (Chess Player Saksham Rautela) ने साल 2012-13 से शतरंज खेलना शुरू किया. इस दौरान सक्षम ने विभिन्न मंचों से देश और उत्तराखंड का प्रतिनिधित्व किया. सक्षम फरवरी 2020 में उत्तराखंड के पहले शतरंज इंटरनेशनल मास्टर बने. विश्व शतरंज संस्था फीडे ने उन्हें इंटरनेशनल मास्टर (आईएम) के खिताब से नवाजा. शतरंज में वर्तमान में उनकी फीडे रेटिंग 2480 है.

उत्तराखंड के इंटरनेशल चेस मास्टर सक्षम को मिली अमेरिकन स्कॉलरशिप.

सक्षम रौतेला देश के टॉप 50 खिलाड़ियों में शामिल होने के साथ ही उत्तर भारत के एकमात्र इंटरनेशनल मास्टर (Uttarakhand Chess Player) हैं. सक्षम चार साल टेक्सास यूनिवर्सिटी ऑस्टिन (The University of Texas at Austin) में पढ़ाई करेंगे. साथ ही वहां यूटी डैलेस चेस क्लब की ओर से प्रतियोगिताओं में भी हिस्सा लेंगे. टेक्सास यूनिवर्सिटी ने विश्व के पांच छात्रों को यह स्कॉलरशिप प्रदान की है.
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टेक्सास यूनिवर्सिटी सक्षम समेत अन्यों की पढ़ाई का खर्चा उठाने के साथ ही उन्हें 24 लाख रुपए सालाना की छात्रवृत्ति भी देगी. सक्षम ने बताया कि साल 2019 उनके लिए बहुत निर्णायक रहा. क्योंकि, एक तरफ हाईस्कूल बोर्ड परीक्षा थी तो दूसरी ओर शतरंज में भी वो काफी अच्छा प्रदर्शन कर रहे थे. अब टेक्सास यूनिवर्सिटी में स्कॉलरशिप मिलने से वो काफी खुश हैं.

वहीं, सक्षम के पिता बालम रौतेला और मां किरन रौतेला अपने बेटे की प्रतिभा से काफी खुश हैं. उन्होंने कहा कि बच्चों की इस उपलब्धि की वजह से उत्तराखंड में भी शतरंज के प्रति अन्य बच्चों का शौक भी बढ़ रहा है. यह उपलब्धि केवल हमारी नहीं, बल्कि पूरे उत्तराखंड और बागेश्वर के लोगों की है.

Last Updated : Aug 12, 2022, 7:11 PM IST

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