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असम-अरुणाचल में सीमा विवाद पर समझौता हस्ताक्षर, शाह ने कहा-होगी विकास की शुरुआत

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) की मौजूदगी में असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ( Assam CM Himanta Biswa Sarma) और अरुणाचल प्रदेश के सीएम पेमा खांडू (Arunachal Pradesh CM Pema Khandu) ने एक समझौते पर हस्ताक्षर किए. इससे दोनों राज्यों के बीच वर्षों से चले आ रहे सीमा विवाद का पटाक्षेप हो जाएगा. इस अवसर पर अमित शाह ने समझौते को एतिहासिक बताते हुए कहा कि इससे शांति और विकास के मोर्चे पर एक बड़ा बदलाव आएगा.

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असम अरुणाचल में सीमा विवाद पर समझौता हस्ताक्षर

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Published : Apr 20, 2023, 7:49 PM IST

Updated : Apr 20, 2023, 10:58 PM IST

नई दिल्ली :असम और अरुणाचल प्रदेश के बीच लंबे समय से चले आ रहे सीमा विवाद को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) की मौजूदगी में गुरुवार को दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए. समझौता ज्ञापन पर असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ( Assam CM Himanta Biswa Sarma) और अरुणाचल प्रदेश के सीएम पेमा खांडू (Arunachal Pradesh CM Pema Khandu) ने हस्ताक्षर किए.

गृह मंत्रालय में आयोजित समारोह में दोनों राज्यों के सीएम ने हस्ताक्षर किए. इस अवसर पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि असम और अरुणाचल प्रदेश के बीच अपने लंबे समय से सीमा विवाद को सौहार्दपूर्ण ढंग से हल करने के लिए एक यादगार दिन है. शाह ने उम्मीद जताई की कि सीमा समझौता पूर्वोत्तर क्षेत्र में सर्वांगीण विकास और शांति की शुरुआत करेगा. केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि अंतरराज्यीय सीमा के दोनों ओर 800 किलोमीटर लंबी सीमा के विवाद का निपटारा हुआ है. इसके साथ ही 123 विवादित गांवों के विवाद को हमेशा के लिए सुलझा लिया गया है जब देश आजादी की 75वीं वर्षगांठ मना रहा है.

वहीं असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने समझौता ज्ञापन को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि यह शांति और समृद्धि का अग्रदूत होगा. इससे पहले अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने अपने संबोधन में असम और अरुणाचल प्रदेश के बीच सीमा के निपटारे को महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक करार दिया और आशा व्यक्त की कि इससे शांति और विकास के मोर्चे पर एक बड़ा बदलाव लाएगा. इस दौरान केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू, राज्य मंत्री अतुल बोरा, जयंत मल्ला बरुआ, केशव महंत, बिमल बोरा और संजय किशन, मुख्य सचिव, पबन कुमार बोरठाकुर, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव, समीर सिन्हा के अलावा गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.

बता दें कि असम मंत्रिमंडल ने अरुणाचल प्रदेश के साथ दशकों से चल रहे सीमा विवाद को हल करने के लिए राज्य सरकार द्वारा गठित 12 क्षेत्रीय समितियों द्वारा दी गई सिफारिशों को बुधवार को मंजूरी दे दी थी. दिसपुर में मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्वा सरमा की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में यह निर्णय लिया गया था. इसके अलावा असम के मुख्यमंत्री सरमा ने सीमा समस्या के समाधान के लिए अरुणाचल प्रदेश के अपने समकक्ष खांडू के साथ कई दौर की बैठकें की हैं.

इसी क्रम में पिछले साल जुलाई में दोनों राज्यों ने नमसाई घोषणा पर हस्ताक्षर किए थे जिसमें विवादित गांवों की संख्या को 123 से घटाकर 86 करने और कैबिनेट मंत्री की अध्यक्षता में 12 समितियों का गठन करके सीमा रेखा को हल करने पर सहमति हुई थी. यह समिति विवादित क्षेत्रों का दौरा करने के साथ ही लोगों से उनकी प्रतिक्रिया लेने के बाद संबंधित सरकारों को रिपोर्ट देगी. इससे पहले, असम और मेघालय की सरकारों ने मार्च 2022 में अपने 50 साल पुराने लंबित सीमा विवाद को हल करने के लिए राष्ट्रीय राजधानी में एक ऐतिहासिक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे. ये हस्ताक्षर एमएचए द्वारा जांच और विचार के लिए 31 जनवरी को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों द्वारा एक मसौदा प्रस्ताव प्रस्तुत किए जाने के दो महीने बाद किए गए थे. हालांकि असम और मेघालय की सरकारें अंतर-राज्य सीमा के साथ 12 'अंतर के क्षेत्रों' में से छह में अपने सीमा विवादों को हल करने के लिए एक मसौदा प्रस्ताव लेकर आई थीं.

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Last Updated : Apr 20, 2023, 10:58 PM IST

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