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कर्नाटक: स्कूल में छात्रों को एयरगन, चाकू और त्रिशूल चलाने के प्रशिक्षण की निंदा - कांग्रेस निंदा कोडागु स्कूल छात्र शस्त्र प्रशिक्षण

कर्नाटक के कोडागु जिले में छात्रों को एयरगन, चाकू और त्रिशूल चलाने के प्रशिक्षण देने की निंदा की गयी है. एसडीपीआई कार्यकर्ताओं और प्रदेश कांग्रेस की ओर से ट्वीट कर पूछा गया है कि क्या प्रदेश में कानून व्यवस्था है?

Arms training to the students with knives and tridents in Kodagu School: Congress condemns
कर्नाटक: स्कूल में छात्रों को एयरगन, चाकू और त्रिशूल चलाने के प्रशिक्षण की निंदा

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Published : May 17, 2022, 9:18 AM IST

कोडागु: कर्नाटक के कोडागु जिले के पोन्नमपेटे (Ponnampete) स्थित साईं शंकर एजुकेशनल इंस्टीट्यूट में इस माह की 5 से 13 तारीख तक हिंदू कार्यकर्ताओं को शौर्य प्रशिक्षण संभाग 2022 के नाम से प्रशिक्षण दिया गया. इस दौरान छात्रों ने एयरगन, चाकू और त्रिशूल चलाने का प्रशिक्षण प्राप्त किया. इस ट्रेनिंग की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं, जिसे जबरदस्त प्रतिक्रिया मिल रही है.

बजरंग दल के कार्यकर्ता कहते हैं, धर्म को बनाए रखने के लिए हथियारों का प्रशिक्षण जरूरी है, लेकिन सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) कार्यकर्ताओं ने नाराजगी जताई है. उनकी ओर से कहा गया कि हिन्दू एक होंगे तो भी धर्म वही रहेगा. लेकिन अगर बच्चों के हाथों में चाकू दे दिया जाए तो उनके भविष्य के बारे में क्या होगा ? भाषण दें और बच्चे के दिमाग को नष्ट कर दें. ये वही बच्चे भाषण सुनेगे और वे दूसरे धर्म के लोगों को चाकू मार देंगे. व्यक्तिगत घृणा भी पैदा होती है. दो धर्मों के बीच संघर्ष होगा. क्या धर्म के बीच जहरीला बीज बोना ठीक है ? एसडीपीआई के जिला सचिव बशीर प्रश्न पूछते हैं कि धर्म बचाने के लिए छुरा घोंपना और गोली देना ही एक मात्र उपाय है.

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कांग्रेस की कार्रवाई की मांग:प्रदेश कांग्रेस ने ट्वीट कर पूछा है कि क्या प्रदेश में कानून व्यवस्था है? स्कूल में त्रिशूल दीक्षा और बंदूक प्रशिक्षण किसने दिया? इसके अलावा, इसने ऐसी विनाशकारी ताकतों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई करने का आग्रह किया.

प्रमोद मुतालिक रिएक्शन: मदिकेरी के पोन्नमपेटे में बजरंग दल 5 इंच का लकड़ी का त्रिशूल दीक्षा और एयरगन चलाने का प्रशिक्षण देता है. यह अवैध नहीं है. श्रीराम सेना के नेता प्रमोद मुतालिक ने कहा है कि यह युवाओं में विश्वास पैदा करने के लिए किया गया है. ऐसा करना कोई अजनबी नहीं है. हमने पहले भी ऐसा किया है. यह अवैध नहीं है, देशद्रोह नहीं है. हम कायदे से युवाओं में देशभक्ति जगा रहे हैं. मुतालिक कहते हैं कि इस तरह के प्रशिक्षण से युवाओं को सेना में शामिल होने आसानी होगी.

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