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छत्तीसगढ़ में पेसा कानून के प्रारूप को मंजूरी

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Published : Jul 7, 2022, 8:05 PM IST

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में सीएम हाउस में गुरुवार को कैबिनेट की बैठक हुई. इस बैठक में पेसा कानून के प्रारूप को हरी झंडी दे दी गई. कैबिनेट की बैठक में कई अन्य फैसले भी लिए गए.

draft of PESA law in Chhattisgarh
पेसा कानून के प्रारूप को हरी झंडी

रायपुर:छत्तीसगढ़ के सीएमभूपेश बघेल कैबिनेट की बैठक में पेसा कानून के प्रारूप को हरी झंडी दे दी गई है. छत्तीसगढ़ सरकार के प्रवक्ता, कैबिनेट मंत्री रविन्द्र चौबे ने बताया, " पांचवी अनुसूची में शामिल इलाकों की ग्राम सभा को अधिकार संपन्न बनाने के लिए पेसा कानून बनाया गया था. राज्य में इसे लागू करने के लिए नियम बनाने की प्रक्रिया लंबे समय से चल रही थी. अब इसका प्रारूप बनकर तैयार हो गया है. मंत्रिमंडल की बैठक में इसका अनुमोदन किया गया." (draft of PESA law in Chhattisgarh )

पेसा कानून के प्रारूप को हरी झंडी

पहले ये जान लीजिए कि पेसा कानून क्या है: पंचायत (अनुसूचित क्षेत्रों का विस्तार) अधिनियम, 1996 या पेसा, अनुसूचित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए ग्राम सभाओं (ग्राम विधानसभाओं) के माध्यम से स्वशासन सुनिश्चित करने के लिए केंद्र द्वारा अधिनियमित किया गया था. यह कानूनी रूप से जनजातीय समुदायों, अनुसूचित क्षेत्रों के निवासियों के स्वशासन की अपनी प्रणालियों के माध्यम से खुद को नियंत्रित करने के अधिकार को मान्यता देता है. प्राकृतिक संसाधनों पर उनके पारंपरिक अधिकारों को भी स्वीकार करता है. पेसा ग्राम सभाओं को विकास योजनाओं की मंजूरी देने और सभी सामाजिक क्षेत्रों को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का अधिकार देता है. इसमें नीतियों को लागू करने वाली प्रक्रियाएं और कर्मी, लघु (गैर-लकड़ी) वन संसाधनों, लघु जल निकायों और लघु खनिजों पर नियंत्रण रखने, स्थानीय बाजारों का प्रबंधन, भूमि के अलगाव को रोकने और अन्य चीजों के साथ नशीले पदार्थों को नियंत्रित करना शामिल है.

पेसा कानून से किसे होगा फायदा :आदिवासी क्षेत्रों में आदिवासियों और पंचायतों को अधिकार देना पेसा कानून है. इस कानून के लागू होने के बाद आदिवासियों की सहमति से सब काम होते हैं. वैसे तो आदिवासी इलाकों के लिए बहुत सारे कानून हैं. लेकिन उन कानूनों से अधिक मजबूत,अधिकार संपन्न और उनके विकास के लिए पेसा कानून लाया जा रहा है.''

भूपेश कैबिनेट की बैठक में लिए गए महत्वपूर्ण निर्णय

पेसा कानून के प्रारूप को मंजूरी देने के साथ ही भूपेश कैबिनेट में कई और महत्वपूर्ण फैसले लिए गए हैं. जो इस प्रकार है.

दलहन की खेती को बढ़ावा :भूपेश कैबिनेट की बैठक में कई अन्य महत्वपूर्ण निर्णय भी लिए गए. सरकार के प्रवक्ता रविन्द्र चौबे ने बताया, "मंत्रिमंडल ने किसानों की आय बढ़ाने के लिए अहम फैसला लिया है. इसके तहत राज्य में दलहन फसलों की खेती को बढ़ावा दिया जाएगा. सरकार द्वारा दलहन उत्पादों को भी समर्थन मूल्य में खरीदा जाएगा. कैबिनेट की बैठक में इसके लिए दिशा-निर्देश जारी किए गए."

गौठानों के बिजली बिल होंगे हाफ :भूपेश कैबिनेट की बैठक में सरकार ने बिजली बिल हॉफ योजना का विस्तार किया है. अब इसका लाभ गौठानों और ग्रामीण औद्योगिक पार्क को भी मिलेगा. कैबिनेट मंत्री रविन्द्र चौबे ने बताया, "प्रदेश में बिजली बिल हाफ योजना के तहत 400 यूनिट तक बिजली उपयोग करने वाले घरेलू परिवार को, बिल की आधी राशि ही जमा करनी पड़ती थी. इस योजना का लाभ प्रदेश के गौठानों और औद्योगिक पार्कों को भी मिलेगा. कैबिनेट में फैसला लिया गया कि राज्य की विद्युत कंपनी से लिए गए कनेक्शन में इन्हें भी बिजली बिल में, 50 प्रतिशत की छूट मिलेगी."

प्रावधानों में संशोधन :कैबिनेट की बैठक में छत्तीसगढ़ के निवास प्रमाण पत्र बनाने की प्रक्रिया को और तर्कसंगत बनाने का निर्णय लिया गया. मंत्री रविन्द्र चौबे ने बताया, "इससे राज्य के बाहर के लोग इसका अनावश्यक लाभ नहीं उठा पाएंगे. इसके लिए पूर्व के प्रावधानों में संशोधन का निर्णय लिया गया. जिसके तहत किसी संस्था में प्रवेश के लिए या सरकारी नौकरी के लिए निर्धारित योग्यता के साथ साथ छत्तीसगढ़ राज्य के किसी शैक्षणिक संस्थाओं से कक्षा 8वीं की परीक्षा के स्थान पर पहली, चौथी और पांचवी कक्षा की अंक सूची को शैक्षणिक योग्यता में जोड़ने का निर्णय लिया गया है."

प्रदेश में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा : मंत्रिमंडल की बैठक में इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रदेश में बढ़ावा देने का फैसला लिया गया है. इसके तहत राज्य में दो पहिया, तिपहिया, चार पहिया, माल वाहक, यात्री वाहन और अन्य श्रेणी के इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीदी पर छूट देने का निर्णय लिया गया. इनकी खरीदी पर कई सुविधाएं भी दी जाएगी. मंत्री रविन्द्र चौबे ने बताया, "इस नीति के तहत इलेक्ट्रिक वाहनों की आसान चार्जिंग सुविधा उपलब्ध कराने के लिए चार्जिंग स्टेशनों का नेटवर्क स्थापित किया जाएगा. ईवी मालिकों को नेशनल और स्टेट हाइवे में एक निश्चित अंतराल पर चार्जिंग प्वाईंट उपलब्ध होंगे."

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