लखनऊ : यूपी में पशुधन विभाग में टेंडर दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले आरोपियों की संपत्तियों को कुर्क किया जाएगा. लखनऊ पुलिस कमिश्नर ने इस बाबत आदेश जारी कर दिया है. गिरोह के सरगना आशीष राय व योगी सरकार में रहे पशुधन मंत्री के निजी सचिव धीरज देव ने मध्यप्रदेश के व्यापारी से राशन आपूर्ति के लिए 214 करोड़ का ठेका दिलाने के नाम पर दस करोड़ की ठगी की थी.
पुलिस कमिश्नरेट प्रवक्ता व डीसीपी मध्य अपर्णा रजत कौशिक ने बताया कि, 'आशीष राय व धीरज देव की संपत्ति कुर्क करने का आदेश पुलिस कमिश्नर कोर्ट ने जारी किया है. जिसके मुताबिक आजमगढ़ के रानी की सराय स्थित रायपुर गांव निवासी आशीष राय की 2,20,8,553 रुपये की संपत्ति कुर्क की जाएगी. उन्होंने यह संपत्ति अवैध तरीकों से तैयार की है. डीसीपी ने बताया कि आशीष राय ने लोगों से ठगी कर कई संपत्तियां बनाई हैं, जिसका पुलिस अभी ब्योरा जुटा रही है. डीसीपी ने बताया कि पशुधन टेंडर दिलाने के नाम पर ठगी के मामले में गोमतीनगर विस्तार स्थित ग्रीनवुड अपार्टमेंट निवासी धीरज देव ने विज्ञानखंड में प्लॉट नंबर 70 व 71 खरीदे हैं. धीरज की 3,11,39,758 रुपये की यह संपत्ति कुर्क की जाएगी. उसने कई वर्षों से टेंडर दिलाने के नाम पर व्यापारियों से करोड़ों की कमाई की है.'
कैसे हुई थी ठगी :दरअसल, इंदौर के व्यापारी मंजीत भाटिया से वर्ष 2018 में पशुपालन विभाग में 214 करोड़ का टेंडर दिलाने के लिए 10 करोड़ से ऊपर की ठगी की गई थी. जिस पर पीड़ित ने हज़रतगंज थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी. एफआईआर में मुख्य रूप से आशीष राय, अनिल राय, रूपक राय, अरुण राय व तत्कालीन आईपीएस अरविंद सेन, सिपाही दिलबहार यादव, सहायक समीक्षा अधिकारी उमेश मिश्रा, होमगार्ड रघुवीर यादव, विजय कुमार, मोंटी गुर्जर व संतोष सिंह समेत 17 आरोपी बनाए गए थे. इस मामले में योगी सरकार ने तत्कालीन आईपीएस अरविंद सेन समेत अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए एसटीएफ को लगाया गया था, वहीं फर्जीवाड़े की जांच एसीपी गोमतीनगर को सौंपी थी. एसीपी गोमतीनगर श्वेता श्रीवास्तव ने इस मामले में विवेचना कर चार्जशीट कोर्ट में दाखिल कर दी थी, वहीं एक अन्य आईपीएस अधिकारी दिनेश चंद्र दुबे को फर्जीवाड़े में शामिल होना नहीं बताया गया था. हालांकि अरविंद सेन व दिनेश चंद्र दुबे को एसटीएफ की रिपोर्ट के आधार पर ही सस्पेंड किया गया था.