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Anantnag Encounter: जम्मू-कश्मीर पुलिस के शहीद DSP हुमायूं भट के पिता ने बेटे को किया सलाम

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 14, 2023, 10:28 AM IST

Updated : Sep 14, 2023, 11:53 AM IST

शहीद अधिकारी बेटे के पार्थिव शरीर पर पुष्पांजलि अर्पित करते समय इस बहादुर पुलिस अधिकारी का साहस व धैर्य भारतीय पुलिस के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाएगा.

Jammu and Kashmir police officer humayun Bahtt
शहीद जम्मू कश्मीर पुलिस डीएसपी हुमायूं भट्ट

श्रीनगर: शहीद अधिकारी बेटे के पार्थिव शरीर पर पुष्पांजलि अर्पित करते समय इस बहादुर पुलिस अधिकारी का साहस व धैर्य भारतीय पुलिस के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाएगा. कमजोर शरीर वाले सेवानिवृत्त आईजीपी गुलाम हसन भट श्रीनगर में जिला पुलिस लाइन में अपने बेटे डीएसपी हुमायूं भट के शव के पास चुपचाप खड़े रहे. एडीजीपी जावेद मुजतबा गिलानी के साथ गुलाम हसन भट ने तिरंगे में लिपटे अपने शहीद बेटे के ताबूत पर पुष्पांजलि अर्पित की.

उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, मुख्य सचिव अरुण मेहता, डीजीपी दिलबाग सिंह और जम्मू-कश्मीर पुलिस के अन्य सभी वरिष्ठ अधिकारी शहीद अधिकारी को अंतिम सम्मान देने के लिए उनके पिता के पीछे खड़े होकर अपनी बारी का इंतजार करते रहे. जेकेपीएस के 2018 बैच के अधिकारी हुमायूं की पिछले साल शादी हुई थी. उनकी पत्नी ने 26 दिन पहले ही बच्चे को जन्म दिया है. किसी भी परिवार के लिए इससे बड़ी त्रासदी नहीं हो सकती है.

लेकिन, गुलाम हसन भट ने दुख और आंसुओं को छिपाकर एक ऐसी मिसाल कायम की, जिसकी आम तौर पर कोई कल्पना भी नहीं कर सकता. उन्होंने और उनके बेटे ने देश की पुलिस सेवा में प्रवेश लेते समय, जो शपथ ली थी, उस पर खरे उतरे. भट की दृढ़ता, साहस, धैर्य और भावना को देश के प्रत्येक पुलिस प्रशिक्षण स्कूल, कॉलेज और अकादमी में भावी पुलिसकर्मियों के लिए उद्धृत किया जाएगा. यह पिता एक जीवित किंवदंती बन गए हैं, जो देश के भावी अधिकारियों की पीढ़ियों को प्रेरित करेंगे. पुलिस बल का कर्तव्य है कि वह इस महान पिता के साथ खड़ा रहे.

देश के प्रत्येक पुलिस अधिकारी को एक बहादुर, साहसी पुलिस अधिकारी पिता के गौरवान्वित बेटे और बेटियों की तरह भट के सामने अपना सिर झुकाना चाहिए. हुमायूं अनंतनाग जिले के कोकरनाग इलाके में उप-विभागीय पुलिस अधिकारी (एसडीपीओ) थे. वह सुरक्षा अधिकारियों की उस टीम का हिस्सा थे, जो गडोले पर्वतीय क्षेत्र में आतंकवादियों की मौजूदगी की सूचना मिलने के बाद वहां गये थे. आतंकियों के साथ मुठभेड़ में सेना के कर्नल मनप्रीत सिंह, 19 राष्ट्रीय राइफल्स के सीओ मेजर आशीष ढोंचक और डिप्टी एसपी हुमायूं भट आतंकियों की गोलीबारी की चपेट में आ गए.

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घायल अधिकारियों को निकालने के लिए पैरा कमांडो ऑपरेशन में शामिल हुए. आतंकवादियों की गोलीबारी और पहाड़ी इलाके की अनिश्चितताओं का सामना करते हुए, घायल अधिकारियों को निकाला गया. डीजीपी दिलबाग सिंह और एडीजीपी, विजय कुमार ऑपरेशन की निगरानी के लिए घटनास्थल पर पहुंचे. दुर्भाग्य से, तीनों अधिकारियों का बहुत खून बह गया था और डॉक्टरों द्वारा उन्हें बचाया नहीं जा सका. इन सभी ने राष्ट्र के प्रति अपने कर्तव्य में सर्वोच्च बलिदान दिया.

आईएएनएस

Last Updated : Sep 14, 2023, 11:53 AM IST

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