अलवर :विमंदित बालिका प्रकरण (Alwar Special Girl Child Case) पर सियासत तेज है. इस वारदात की गुत्थी अभी तक अनसुलझी है. गहलोत सरकार ने मामले की CBI जांच कराने के लिए केंद्र सरकार को अनुशंसा भेजी है. इससे पहले कि सीबीआई जांच को मंजूरी मिलती, घटनास्थल पर सफाई करा दी गई है. जो नियम के हिसाब से पूरी तरह से गलत है. ऐसे में चर्चा जोर पर है कि सीबीआई के आने से पहले प्रशासन की तरफ से साक्ष्य समाप्त करने के प्रयास किए गए हैं (Alwar case incident scene cleaned).
अलवर में मूक बधिर बालिका केस के आरोपी पुलिस की पकड़ से दूर है. बालिका पुल पर लहूलुहान मिली थी. पुलिस ने इस मामले में शुरुआत में दुष्कर्म की आशंका जताई थी. दो दिन बाद अलवर पुलिस ने मेडिकल रिपोर्ट का हवाला देते हुए इसे हिट एंड रन से जोड़ कर जांच शुरू कर दी. दूसरी ओर इस मामले को लेकर गहलोत सरकार पर विपक्ष का दबाव बढ़ा. जिसके बाद सरकार ने मामले की जांच सीबीआई से कराने का फैसला लिया. राजस्थान सरकार ने सीबीआई जांच के लिए केंद्र सरकार को अनुशंसा भेज दी (CBI probe in Alwar Case).
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दूसरी ओर अलवर पुलिस आरोपियों को गिरफ्तार नहीं कर पाई है. पुलिस पर लगातार गंभीर आरोप लग रहे हैं. विपक्ष का आरोप है कि सरकार के इशारे पर घटना को हादसे का रूप देने की कोशिश की जा रही है. इससे पहले केंद्र सरकार से CBI जांच की मंजूरी मिलती, सीबीआई मामले की जांच करने अलवर आती, उससे पहले ही नगर निगम प्रशसान ने जहां बालिका लहूलुहान मिली थी, उस जगह की गुपचुप तरीके से सफाई करा दी गई है. नियम के अनुसार जब तक इस पूरे मामले की जांच पूरी नहीं हो जाती, उस स्पॉट को सुरक्षित रखा जाना जरूरी है. सीबीआई और अन्य सुरक्षा एजेंसी साइंटिफिक आधार पर उस जगह को चेक करती हैं.