नई दिल्ली : भारतीय वायु सेना ने क्षेत्रीय हवाई संपर्क योजना को लागू करने में मदद के लिए भारतीय हवाई अड्डा प्राधिकरण (एएआई) को सात स्थानों पर रक्षा भूमि सौंपी है. रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि जिन स्थानों पर भारतीय हवाई अड्डा प्राधिकरण को रक्षा भूमि सौंपी हैं, उनमें बागडोगरा, दरभंगा, आदमपुर, उतरलाई, सरसावा, कानपुर और गोरखपुर शामिल हैं. मंत्रालय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'उड़े देश का आम नागरिक' (उड़ान) दृष्टिकोण के अनुरूप और क्षेत्रीय संपर्क योजना (आरसीएस) में मदद के लिए सात स्थानों पर एएआई को रक्षा भूमि सौंपी गई है.
वायु सेना ने क्षेत्रीय हवाई संपर्क को बढ़ावा देने के लिए हवाई अड्डा प्राधिकरण को रक्षा भूमि सौंपी - Air Force hands over defence land
भारतीय वायु सेना ने क्षेत्रीय हवाई संपर्क योजना को लागू करने में मदद के लिए भारतीय हवाई अड्डा प्राधिकरण (एएआई) को सात स्थानों पर रक्षा भूमि सौंपी है. रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि जिन स्थानों पर भारतीय हवाई अड्डा प्राधिकरण को रक्षा भूमि सौंपी हैं, उनमें बागडोगरा, दरभंगा, आदमपुर, उतरलाई, सरसावा, कानपुर और गोरखपुर शामिल हैं.
पढ़ें: टीका लगवाने से इनकार करने वाले वायु सेना के तीन कैडेट को अधिकारी के तौर पर नहीं किया जाएगा शामिल
बयान के अनुसार असैनिक टर्मिनलों के विकास और आरसीएस उड़ानें शुरू करने के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे की खातिर करीब 40 एकड़ जमीन सौंपी जा रही है. मंत्रालय ने कहा कि इन स्थानों पर हवाई संपर्क होने से अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा और उन क्षेत्रों का विकास होगा. इसके अलावा, वायुसेना छह स्थानों पर असैनिक हवाई अड्डों के विस्तार के लिए रक्षा भूमि सौंपने की प्रक्रिया में है. इन छह स्थानों में श्रीनगर, तंजावुर, चंडीगढ़, लेह, पुणे और आगरा शामिल हैं.