शूज के कारोबारियों ने बताया. आगरा:ताजमहल के बाद देश और दुनिया में आगरा की पहचान शूज कारोबार से है. यूपी में शूज कारोबार का गढ़ आगरा ही है. पहले कोरोना उसके बाद यूक्रेन-रूस युद्ध से आगरा का शूज एक्सपोर्ट कारोबार काफी प्रभावित हुआ. अब इजराइल और फिलिस्तीन के बीच हो रहे युद्ध से आगरा का शूज कारोबार को बड़ा झटका लगा है. जिससे आगरा के शूज एक्सपोर्ट कारोबार पर संकट गहरा गया है. इस बारे में शूज एक्सपोर्टर्स का कहना है कि, इजराइल और फिलिस्तीन के वॉर से विंटर सीजन के ऑर्डर्स में 10 प्रतिशत की गिरावट आई है. जो आगरा के शूज कारोबार के लिए सही नहीं है.
अमेरिकी और यूरोपीय बाजारों के बड़े शोरूमबता दें कि, आगरा में शूज कारोबार की छोटी-बड़ी करीब 7 हजार इकाइयां हैं. जिनसे 5 लाख लोगो को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप में रोजगार मिल रहा है. यदि देश के शूज एक्सपोर्ट की बात करें तो उसमें आगरा टॉप पर है. आगरा का देश भर में शूज एक्सपोर्ट में 28 फीसद की भागीदारी है. देश के शूज कारोबार में 65 फीसद भागीदारी है. इतना ही नहीं आगरा में शूज का घरेलू कारोबार ही करीब 15 हजार करोड़ रुपये का है. अमेरिकी और यूरोपीय बाजारों में जिन बड़े ब्रांड्स के शोरूम हैं. उनके मंहगे शूज आगरा में बनते हैं. जिन्हे बड़े ब्रांड्स अपनी मुहर लगवा कर बेचते हैं. इतना ही नहीं अब आगरा में पैकिंग वाले डिब्बे भी बन रहे हैं.
आगरा में शूज का घरेलू कारोबार 15 हजार करोड़ रुपये का है.
इजराइल और फिलिस्तीन के युद्ध से कारोबार पर असर
शूज एक्सपोर्ट का कहना है कि, पहले यूक्रेन और रूस के युद्ध से आगरा के शूज कारोबारियों पर काफी असर पडा. जिस उम्मीद से व्यापारी आगे बढ़ रहा था. उसमें अब दोबारा कमी आ गई है. ऑर्डर भी उम्मीद के मुकाबले नहीं मिल रहे हैं. अब इजराइल और फिलिस्तीन के युद्ध ने आग में घी डालने का काम किया है. इससे आगरा के शूज कारोबारियों को झटका लगा है. विंटर सीजन के ऑर्डर कम आ रहे हैं. क्योंकि यूक्रेन और रूस के युद्ध के साथ ही अब इजराइल और फिलिस्तीन के युद्ध से यूरोप अभी अनसर्टेनिटी में है. क्या होगा, क्या नहीं होगा. इसलिए एक्सपोर्ट के लिए ऑर्डर नहीं मिल रहे हैं.
शूज एक्सपोर्ट की डबल ग्रोथ पर झटकाएफमैक के प्रेसिडेंट पूरन डावर ने बताया कि, कोई भी युद्ध और किसी भी देशों के बीच का हो. इसका असर लोगों के सेंटीमेंटस पर पड़ता है. जिससे बाजार पर प्रतिकूल असर होता है. कहीं ना कहीं हमें लगता है कि, दुनिया में चाइना के मुकाबले भारत में जो संभावनाएं दिखाई दे रही थीं. उसके मुताबिक, आगरा और देश के शूज कारोबारियों ने इंफ्राटेक्चर जुटाना शुरू कर दिया था. भारतीय शूज एक्सपोर्ट को लग रहा था कि, कारोबार में ग्रोथ तेजी से होगी. जिससे 5 या 10 प्रतिशत की एक्सपोर्ट कारोबार में ग्रोथ नहीं देख रहे थे. हम सब कारोबारी सोच रहे थे. हर 3 साल में कारोबारियों की ग्रोथ डबल होगी. इसमें अब बडा झटका लगा है.
शूज एक्सपोर्ट में विंटर सीजन के ऑर्डर में गिरावट
एफमैक के प्रेसिडेंट पूरन डावर ने बताया कि, इजराइल और फिलीस्तीन के युद्ध से आगरा के शूज कारोबार पर असर दिखने लगा है. भारत की बात करें तो विंटर सीजन का शूज एक्सपोर्ट कारोबार स्ट्रांग है. इसकी वजह है कि, भारत में लेदर शूज का कारोबार बेहतर है. जिसमें लेदर शूज, लेदर बूट और अन्य प्रोडेक्ट आते हैं. अभी आगरा और देश के शूज एक्सपोर्ट समर सीजन को लेकर माल बना रहे हैं. लेकिन अभी से विंटर सीजन अधिक प्रभावित होगा. क्योंकि, अभी से विंटर सीजन के लिए ऑर्डर आ रहे हैं. शूज एक्सपोर्ट में ये गिरावट 8 से 10 प्रतिशत है. जो बेहद गंभीर है.
देश में फुटवियर के बड़े सेंटर
दरअसल, पूर्व में भारत के शूज कारोबार की कच्चे माल के लिए पहले काफी हद तक चीन पर निर्भरता थी. लेकिन, अब उद्यमियों ने विकल्प तलाश लिए हैं. देश में अब आगरा, चेन्नई, कानपुर, नोएडा, दिल्ली-एनसीआर फुटवियर के बड़े सेंटर बन गए है. इनमें आगरा लेदर फुटवियर में अव्वल है. जहां दुनिया भर के सभी बड़े ब्रांड्स बनाए जा रहे हैं.
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