नई दिल्ली :अग्निपथ योजना को लेकर चौथे दिन विरोध जारी है. इधर, गृह मंत्रालय ने अग्निवीरों के लिए केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPFs) और असम राइफल्स में भर्ती के लिए 10% रिक्तियों को आरक्षित करने का निर्णय लिया है. गृह मंत्रालय ने ट्वीट कर के बताया कि दोनों बलों में भर्ती के लिए अग्निवीरों को ऊपरी आयु सीमा से 3 वर्ष की छूट दी गई. अग्निवीर के पहले बैच के लिए आयु में अधिकतम आयु सीमा से 5 वर्ष की छूट होगी. मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, मौजूदा नियमों के अनुसार, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) में पूर्व सैनिकों के लिए 10 प्रतिशत कोटा है. बताया जा रहा है कि 'अग्निवीर' ट्रेंड होंगे एक बार फिर ट्रेनिंग से गुजरने के लिए कहा जाएगा. क्योंकि केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPFs) की जरूरतें अलग होती हैं.
ITBP, BSF, SSB और CISF में जवानों की ड्यूटी अलग-अलग होती है. जैसे सीमा पर गश्त, ड्रग्स, मवेशियों और हथियारों की तस्करी पर नजर रखना, चुनाव और विरोध-प्रदर्शन के दौरान कानून व्यवस्था का प्रबंधन, VVIP सुरक्षा, महानगरों और हवाई अड्डों पर यात्रियों की तलाशी आदि. इनमें से कोई भी सशस्त्र बलों के प्रोफाइल का हिस्सा नहीं हैं. इससे पहले शुक्रवार को प्रदर्शन में तेलंगाना के एक छात्र की मौत हो गई. बिहार में फिर से कई जगहों पर ट्रेनों में आग लगा दी गई.
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यूपी में भी कई जगहों पर बवाल मचा. राजस्थान और हरियाणा में भी छात्रों ने अपना गुस्सा जाहिर किया. गृह मंत्री ने इस योजना को एक संवेदनशील फैसला बताया. तीनों सेनाओं के प्रमुखों ने युवाओं से इस योजना में भाग लेने की अपील की है. इसके साथ ही अग्निपथ योजना के तहत सेना में चार साल बिताने के बाद नौकरी की गारंटी को लेकर सवाल उठ रहे हैं. इस योजना पर संविधान विशेषज्ञों ने अपनी राय दी है. उनका कहना है कि सेना में चार बिताने के बाद नौकरी की गारंटी नहीं है. ईटीवी भारत से विशेष रूप से बात करते हुए सिंह ने कहा कि युवाओं (अग्निवीरों) को निश्चित रूप से प्राथमिकता मिलेगी.
जब वे चार साल का कोर्स पूरा करेंगे तब तक उन्हें उचित प्रशिक्षण और सभी कौशल प्राप्त हो जाएंगे. यह प्रशिक्षण उन्हें किसी भी क्षेत्र में भर्ती प्रक्रिया में मदद करेगा. एसपी सिंह सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठ वकील हैं. हालांकि, उन्होंने कहा कि सरकार को अग्निपथ योजना को लेकर युवाओं को होने वाले लाभ और भविष्य की संभावना के बारे में बात करने वाले लोगों तक पहुंचना चाहिए था. सिंह ने दावा किया कि इस मुद्दे का राजनीतिकरण किया गया है. सिंह ने कहा, 'कई संगठन और पार्टियां ऐसी स्थिति से लाभ लेने की कोशिश कर रही हैं. यह लगभग एनसीसी जैसे शॉर्ट टर्म कोर्स की तरह है जहां युवाओं को उनके भविष्य के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा.