पेशावर : अफगानिस्तान की सत्ता पर तालिबान की पकड़ मजबूत होने के साथ ही अफगान संगीत से जुड़े कलाकार जान बचाने के लिए या तो देश छोड़ कर भाग रहे हैं, या अपने वाद्ययंत्रों को छिपा रहे हैं.
पिछले माह तालिबान ने देश पर कब्जा कर लिया, इसके बाद से संगीत की दुनिया से जुड़े लोग डरे हुए हैं और वे अपने दफ्तरों को बंद कर रहे हैं और कुछ ने तो अपने वाद्य यंत्रों को स्टोर रूम में छिपा दिया है.
अफगानिस्तान से जान बचा कर कुछ कलाकार और गायक पाकिस्तान पहुंचने लगे हैं. ऐसे ही एक गायक पाशुन मुनावर ने कहा कि, अगर हम अपना पेशा छोड़ भी दें तो भी तालिबान हमें नहीं छोड़ेगा. काबुल पर तालिबान के नियंत्रण के बाद से संगीत के सभी कार्यक्रम रद्द हो गए हैं.'
अन्य गायक अजमल ने कहा कि काबुल पर तालिबान के नियंत्रण के बाद उन्होंने अपना पहनावा बदल लिया और पेशावर आ गया. उन्होंने कहाहमारी तालिबान से कोई दुश्मनी नहीं है. हम उन्हें अपना भाई मानते हैं लेकिन चूंकि उन्हें हमारा काम नहीं पसंद है,इसलिए उनके राज में हम असुरक्षित महसूस करते हैं.'
अफगान संगीत पसंद करने वालों ने अफगानिस्तान में तेजी से बदलते हालात के बाद अपने दफ्तर बंद कर दिए हैं. इससे संगीत जगत को लाखों रुपये का नुकसान हो रहा है.
पाकिस्तानी कलाकार शाहजहां याद करते हैं कि जब भी वे संगीत कार्यक्रम के लिए अफगानिस्तान जाते थे तो वहां उन्हें बेहद सम्मान मिलता था.