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...जब रिश्ताें से ज्यादा फर्ज काे दी तरजीह

कोरोना महामारी में मरीजों की सेवा के लिए एक महिला डॉक्टर ने अपनी शादी तोड़ दी. उन्हाेंने ससुराल वालाें से फिलहाल शादी टालने के लिए प्रस्ताव रखा था जिस पर वे तैयार नहीं हुए. डॉक्टर का कहना है कि वह अपनी शादी के लिए अपना फर्ज नहीं छाेड़ सकतीं.

डॉक्टर
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Published : May 11, 2021, 2:13 PM IST

Updated : May 11, 2021, 2:23 PM IST

नागपुर :शादी किसी भी लड़की के जीवन का सबसे महत्वपूर्ण निर्णय हाेता है. हर माता -पिता का सपना हाेता है कि उनकी बेटी समय पर विवाह के बंधन में बंध जाए. लेकिन काेराेना काल में एक महिला डॉक्टर ने शादी के बंधन को त्यागकर मरीज की जिंदगी काे तरजीह दी है.

नागपुर की इस महिला डॉक्टर ने मरीजाें की जान बचाने और उनकी सेवा में जुटे रहने के लिए अपनी शादी ठुकरा दी, सबसे बड़ी बात है कि उसके माता-पिता ने भी बेटी का साथ देते हुए इस निर्णय पर गर्व जताया है.

हम देख रहे कि कोरोना काल में फ्रंटलाइन वर्कर अपनी जान जोखिम में डालकर लोगों की सेवा करने में जुटे हैं. ऐसे में नागपुर की महिला डॉक्टर का यह निर्णय भी लाेगाें काे प्रेरणा देगी. महिला डॉक्टर ने कोरोना के खिलाफ अपनी जंग जारी रखने के लिए शादी के लिए इनकार कर दिया. उनका नाम अपूर्वा मंगलगिरी है.

जानकारी के अनुसार, 26 अप्रैल को विवाह होने वाला था. कोरोना की वजह से अपूर्वा ने शादी स्थगित करने का विचार ससुराल वालों के सामने रखा. लेकिन उन्होंने इससे इनकार कर दिया. इसकी वजह से अपूर्वा ने शादी तोड़ने का फैसला कर लिया.

दूसरी तरफ, कोरोना महामारी में शादी के आयोजन से मेहमानाें की जान भी जोखिम में डालने का खतरा था, इसलिए शादी स्थगित करने का फैसला किया था. अपूर्वा ने कहा कि ससुराल वालों ने ये बात नहीं मानी इसलिए शादी ही तोड़ने का फैसला किया.

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डॉ. अपूर्वा के इस फैसले की सभी तारीफ कर रहे हैं. कोरोना के खिलाफ जारी जंग में ऐसे कोरोना वॉरियर्स समाज के लिए आदर्श और प्रेरणादायी हैं.

Last Updated : May 11, 2021, 2:23 PM IST

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