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चंडीगढ़ में फंसा रहा बेटा और पिता की हो गयी मौत, डॉक्टर ने दी मुखाग्नि

बेगूसराय के बछवाड़ा पीएचसी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉक्टर रामकृष्ण ने एक 55 वर्षीय वृद्ध को मुखाग्नि देकर उसका अंतिम संस्कार किया. कोरोना महामारी के दौर में इस प्रकार का कार्य कर डॉक्टर रामकृष्ण ने मानवता की मिसाल पेश की है.

अंतिम संस्कार
अंतिम संस्कार

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Published : May 10, 2021, 12:34 PM IST

बेगूसराय :डॉक्टर को धरती पर भगवान का दूसरा रूप कहा जाता है, लेकिन बिहार के बेगूसराय में एक डॉक्टर ने इससे भी एक कदम आगे बढ़कर मानवता की मिसाल पेश की है. एक अनजान वृद्ध की मौत के बाद डॉक्टर ने उसे मुखाग्नि देकर एक बेटे का धर्म भी निभाया हैं.

कोरोना के कारण हुई थी वृद्ध की मौत

इस कोरोना काल में कहीं अपने-अपनों का साथ छोड़ रहे हैं, तो कहीं चाह कर भी लोग अपनों के पास नहीं पहुंच पा रहे हैं. ऐसे समय में बेगूसराय के बछवाड़ा पीएचसी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉक्टर रामकृष्ण जैसे लोग ही हैं, जो इंसानियत और मानवता जैसे शब्दों का मोल समाज में कायम रखने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहे हैं. डॉक्टर रामकृष्ण ने जो किया है, आज उसकी हर तरफ तारीफ हो रही है.

क्यों हो रही हैं डॉक्टर साहब की चर्चा
बेगूसराय में चमथा नाम का एक पंचायत है. इसी के वार्ड संख्या दो स्थित चमथा छोटखूंट के रहने वाले 55 वर्षीय धीरेंद्र सिंह की कोरोना से मौत हो गई थी, लेकिन उनके शव को मुखाग्नि देने वाला कोई नहीं था. उनका एकमात्र बेटा चंडीगढ़ में सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करता है, जो लॉकडाउन के कारण वहां फंसा है.

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मृतक का भाई व भतीजा भी बीमार, नहीं आये पड़ोसी
मृतक का एक भाई व भतीजा घर पर ही हैं, लेकिन विडंबना देखिए कि दोनों ही बीमार हैं. ऐसे में अस्पताल से श्मशान घाट तक शव के साथ मृतक की एकमात्र पत्नी ही थी. मृतक को मुखाग्नि देने के लिए जब मेडिकल टीम ने उसके घर-परिवार व समाज के लोगों को बुलावा भेजा तो कोई भी नहीं आया.

मेडिकल टीम ने रातभर किया इंतजार
जब रात भर इंतजार के बाद भी कोई नहीं आया तो प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ. रामकृष्ण, बीडीओ कुमारी पूजा, सीओ नेहा कुमारी और थानाध्यक्ष अजित कुमार ने शनिवार की सुबह शव को अपनी मौजूदगी में एंबुलेंस से तेघड़ा प्रखंड के अयोध्या पत्थर घाट पहुंचाया.

प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉक्टर रामकृष्ण

यहां भी अधिकारियों की टीम ने दोपहर 12:00 बजे तक मृतक के परिवार का इंतजार किया. अधिकारियों की ओर से बार-बार आग्रह करने के बाद भी जब कोई श्मशान घाट नहीं पहुंचा, तब प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ. रामकृष्ण ने मुखाग्नि देकर मृतक का अंतिम संस्कार किया.

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कोरोना से हुई मरीज की मौत
बीडीओ ने बताया कि धीरेंद्र सिंह एक सप्ताह पहले से बीमार थे. उनकी जांच दलसिंहसराय अनुमंडलीय अस्पताल में कराई गई थी. कोरोना पॉजिटिव आने के बाद उन्हें वहीं रखा गया. शुक्रवार की रात करीब 10:00 बजे अचानक उनकी मौत हो गई.

डॉक्टर की कोशिश से बेटे को मिली छुट्टी
रविवार को नख-बाल की रस्म को डॉक्टर रामकृष्ण ने पूरा किया हैं. डॉक्टर की कोशिश के बाद बेटे को भी छुट्टी मिल गयी. वह चंडीगढ़ से अपने घर लौट रहा है. सोमवार को समाज सेवी विनोद राय के सहयोग से श्राद्ध कर्म की रस्म निभाई जाएगी.

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