हैदराबाद :सड़कें किसी भी शहर, राज्य या देश की जीवन रेखा होती हैं. ये सड़कें विकास का सबसे पहला पैमाना होती हैं. इन सड़कों के जरिये ही जनता और मूलभूत सुविधाओं, रोजमर्रा की जरूरतों की बीच की खाई को कम किया जा सकता है. इसलिये नेताओं के विकास के दावों से लेकर जनता की सुविधाओं की मांग तक में सड़क का जिक्र जरूर होता है.
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के मुताबिक देशभर में कुल 62,15,797 किलोमीटर सड़कें हैं. इनमें से 1,36,000 किलोमीटर नेशनल हाइवे हैं. देश में नेशनल हाइवे की लंबाई कुल सड़कों का भळे महज 2.19 फीसदी हो लेकिन ये हाइवे कुल यातायात के बड़े हिस्से का भार उठाते हैं. आगामी 24 मार्च से राष्ट्रीय सड़क एवं राष्ट्रीय राजमार्ग शिखर सम्मेलन 2021 का आयोजन होने जा रहा है. इस वर्चुअल शिखर सम्मेलन में देश में सड़कों के विस्तार, गुणवत्ता के साथ-साथ इस क्षेत्र की नई तकनीकों पर भी चर्चा होगी.
साल दर साल तेज हुआ नेशनल हाइवे निर्माण
बीते करीब एक दशक के आंकड़ों पर नजर डालें तो साल दर साल सड़क निर्माण में तेजी आई है. टेंडर प्रक्रिया से लेकर अवार्ड किए जाने और निर्माण तक की तेजी का ही नतीजा है कि आज देश में सड़कों का जाल बिछ रहा है.
मौजूदा और आगामी वित्त वर्ष के आंकड़ों में भी अवार्ड करने के लेकर सड़क निर्माण के आंकड़ों में बढ़ोतरी देखी गई है. पिछले वर्षों से बेहतर नतीजे मिलने का ही नतीजा है कि आगामी वित्त वर्ष के लक्ष्य बीचे सालों से ज्यादा रखे गए. साल 2021-22 के लिए सड़क निर्माण का लक्ष्य 12 हजार किलोमीटर रखा गया है.