गाजीपुर : ददरी घाट के पास गंगा नदी में सोमवार सुबह एक नवजात बच्ची बक्से में बंद मिली. हवा के कारण पानी में तैर रहा लकड़ी का बक्सा किनारे आ गया था. लोगों ने उसमें किसी बच्चे के रोने की आवाज सुनी. फिर एक मल्लाह गुल्लू ने बक्से को पानी से बाहर निकाला. बक्सा खोला तो उसमें एक बच्ची मिली..
यह कहानी नहीं, हकीकत है. मल्लाह गुल्लू ने बताया कि गाजीपुर के ददरी घाट पर सोमवार को सुबह करीब 8 बजे गंगा नदी में एक लकड़ी का बक्सा मिला. उसमें 21 दिन की एक बच्ची रो रही थी. बक्से में देवी दुर्गा और भगवान विष्णु का चित्र लगा था. नन्हीं बच्ची के कमर में चुनरी बंधी थी. साथ में, बच्ची की जन्मकुंडली भी रखी हुई थी. इसी कुंडली से पता चला कि बच्ची का नाम भी गंगा है और वह 21 दिनों की है.
बक्से में बंद कर किसने फेंका?
नन्हीं सी जान को बक्से में बंद कर किसने फेंका और कहां फेंका, इसका पता तो नहीं चल पाया है. मगर बच्ची गंगा जैसी विशाल नदी में जिंदा रह गई, यह चमत्कार से कम नहीं है. इस खूबसूरत नन्हीं परी को मल्लाह गुल्लू ने बचाया. गुल्लू उस बच्ची को अपने घर ले आया.
गुल्लू के घर की महिलाओं ने बच्ची को नहला-धुलाकर साफ किया. फिर दूध पिलाकर उसकी भूख मिटाई. गुल्लू ने बताया कि सोमवार को काफी बारिश हो रही थी, इस कारण पुलिस को इस घटना की सूचना देने में देर हो गई.