झुमर ले सजथे अंगना-दुवारी, दाना ल खाथे किसान के 'संगवारी' - धान की बाली का झूमर
छत्तीसगढ़ धान के कटोरा होए के संघरा, लोककला अउ लोगगीत बर घलो कुबेर के खजाना ले कम नइ हे. इंहा के धरती म कला अउ संसकृति ह इंद्र धनुस जइसन बहुरंगी हे. जब मेहनत के संग म कला ह मिलथे त एक ठन अनोखा रंग बगरथे. छतीसगढ़ म धान लुए के बेरा म ददरिया गुन-गुनाए के संग म अपन हाथ के कला ल रुप दे जाथे. अउ घर दुवारी ल सजाए बर झूमर बनाए जाथे. धान के बाली ले झूमर बनाके लक्षमी के प्रतीक म घर म लाए जाथे.एखर पाछू मान्यता हे कि घर-दुवारी म सुख समृद्धि बने रहाए.