Peacock in kanker: राष्ट्रीय पक्षी मोर को भा गया कांकेर का गांव, ग्रामीणों के साथ परिवार की तरह रहता है
कांकेर: राष्ट्रीय पक्षी मोर आमतौर पर जंगल या फिर चिड़ियाघरों में देखने को मिलता है. लेकिन भानबेड़ा के खड़ाकागांव गांव को ही मोर ने अपना बसेरा बना लिया है. घरों की मुंडेर और गलियों में बेरोकटोक घूमता है. ग्रामीणों ने बताया कि कुछ साल पहले मोर जंगल से भटक कर गांव पहुंचा और कभी वापस नहीं लौटा. अब मोर और ग्रामीणों के बीच गहरी दोस्ती हो चुकी है. पहाड़ी और घने जंगल से घिरे खड़ाकागांव की खूबसूरती को राष्ट्रीय पक्षी मोर ने और बढ़ा दिया है. करीब पांच साल पहले घने जंगल से भटका ये मोर रिहायशी इलाके में पहुंचा. उस वक्त ये काफी छोटा था. ग्रामीणों ने इसे कोई नुकसान नहीं पहुंचाया बल्कि इसके दाना पानी की व्यवस्था कर दी गई. मोर की मौजूदगी के कारण खड़ाकागांव सुर्खियों में है. इस खूबसूरत मोर को करीब से देखने के लिए दूर दूर से लोग आ रहे हैं. गांव के लोग इसका पूरा ख्याल रखते हैं. अब ये मोर ग्रामीणों के परिवार की सदस्य की तरह रहता है. वन विभाग की ओर से भी मोर की सुरक्षा का ध्यान रखा जाता है.