सूरजपुर: प्रतापपुर का इलाका एक बार फिर बाघ की दहाड़ से गूंज रहा है. 15 दिनों के बाद फिर घुई वन परिक्षेत्र में बाघ देखा गया है, जिसके बाद से ग्रामीणों में खौफ का माहौल है. बाघ की चहल कदमी को लेकर वन अमला अलर्ट मोड में है. गांववालों को सुबह और शाम के वक्त जंगल में नहीं जाने की हिदायत दी जा रही है. तकरीबन 15 दिन पहले तमोर पिंगला अभयारण्य की ओर से आए बाघ ने घुई वन परीक्षेत्र में कई मवेशियों का शिकार किया था. फिर ये बाघ बलरामपुर होते हुए झारखंड चला गया. बुधवार को फिर से बाघ के पंजों के निशान इस क्षेत्र में पाए गए हैं, जिसके बाद से लेकर ग्रामीण के साथ ही वन विभाग की चिंता बढ़ गई है.
अब तक किसी को नहीं पहुंचाया नुकसान:इलाके के ग्रामीणों ने बाघ के पंजे के निशान दिखे हैं. इस बार बाघ ने किसी इंसान को अब तक कोई नुकसान नहीं पहुचाया है. फिर भी क्षेत्र में बाघ की दस्तक से ग्रामीण खौफजदा हैं. लोग जंगल में जाने से डरने लगे हैं.