सूरजपुर : एक ओर राज्य सूखे की कगार पर है. वहीं दूसरी तरफ दर्जनों गांव ऐसे हैं, जहां लगातार हो रही बारिश ने गांवों को सबसे अलग कर दिया है. यहां के लोग हर रोज जिंदगी की जंग लड़ रहे हैं और उसे जीत भी रहे हैं, लेकिन प्रशासन विकास की जंग में हर बार फेल हो रहा है.
दरअसल, कुप्पा खर्रा समेत दर्जनों गांव पिछले दो साल से बारिश का दंश झेल रहा है. ओडगी ब्लॉक में चार साल पहले हुई तेज बारिश ने करोड़ों की लागत से बना कुप्पा पुल को बहा ले गई थी. इसके बाद से कुप्पा, लांजित खर्रा गांव समेत दर्जन भर गांव का संपर्क ही टूट गया है. इस कारण 11 ग्राम पंचायत के लगभग 20 हजार लोगों का संपर्क मुख्यालय से टूट गया है.
तेज बहाव में बहा रपटा पुल
शासन ने जैसे-तैसे रपटा पुल का निर्माण किया, लेकिन पानी के तेज बहाव को ये पुल भी झेल नहीं पाया और यह भी बह गया. इस पुल के गिरने के बाद से बूढ़े, बुजुर्ग, गर्भवती महिला समेत स्कूली बच्चों को नाव के सहारे महान नदी को पार कर रहे हैं.
फेल होता सब पढ़े सब बढ़े का नारा
इनकी समस्याओं को दूर करने के लिए पिछले चार साल से किसी भी जनप्रतिनिधि और अधिकारियों ने इनकी सुध नहीं ली. वहीं सरकार सब पढ़े सब बढ़े का नारा लेकर शिक्षा को बढ़ावा दे रही है. कई बच्चे ऐसे भी हैं, जो रोज जिंदगी की जंग लड़ रहे हैं. इन समस्याओं पर जिला पंचायत सीईओ ने बताया कि इस साल भी पुल का कार्य शुरू होने की संभावनाए नहीं है, फिर भी किसी वैकल्पिक रास्ते को खोजने की बात उन्होंने कही है.