सूरजपुर :छ्त्तीसगढ़ के शिक्षा मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम के खिलाफ उन्हीं के पार्टी के जिला कांग्रेस पदाधिकारियों ने मोर्चा खोल दिया है. कांग्रेस के सूरजपुर संयुक्त जिला महामंत्री संजीव श्रीवास्तव ने शिक्षा मंत्री पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि ''वह कांग्रेसी कार्यकर्ताओं पर झूठा FIR दर्ज करवा रहे हैं. साथ ही पार्टी के कार्यकर्ताओं को तोड़ने का प्रयास कर रहे हैं. उन्होंने इसकी शिकायत प्रदेश के मुखिया मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से करने की भी बात कही है. उनके अनुसार शिक्षा मंत्री लगातार विवादों में रहते हैं. इसके पहले भी कई विधायक उनके सरकारी बंगले पर पहुंचकर उनकी शिकायत दर्ज करा चुके हैं.''
सूरजपुर के प्रतापपुर में कांग्रेस के दो गुट भिड़े,शिक्षामंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम पर गंभीर आरोप - सूरजपुर के प्रतापपुर में कांग्रेस के दो गुट भिड़े
सरगुजा के सूरजपुर जिले में कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच एक बार फिर गुटबाजी दिखाई दे रही है. मामला शिक्षामंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम के विधानसभा क्षेत्र का है. शिक्षामंत्री पर उन्हीं के पार्टी कार्यकर्ताओं ने गंभीर आरोप लगाए हैं. कार्यकर्ताओं ने शिक्षामंत्री पर कार्यकर्ताओं के खिलाफ झूठी FIR करवाकर उन्हें पार्टी को तोड़ने वाला बताया.
शिक्षामंत्री के क्षेत्र में कांग्रेस दो भागों में बंटी :प्रेमसाय सिंह के विधानसभा क्षेत्र प्रतापपुर में कांग्रेस के दो गुट आमने-सामने हो गए हैं. इसकी शुरुआत सोमवार को तब हुई जब जनपद प्रतापपुर में कांग्रेसी कार्यकर्ता और ग्राम पंचायत सचिव के बीच आपसी विवाद हो गया. जिसकी वजह से ग्राम सचिव ने जनपद उपाध्यक्ष के पति सहित जनपद सदस्य के खिलाफ प्रतापपुर थाने में FIR कराई. जनपद उपाध्यक्ष और जिला संयुक्त महामंत्री का आरोप है कि ''यह FIR झूठी है और शिक्षा मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम के दबाव पर की गई है.''
कांग्रेस कार्यकर्ताओं में गुटबाजी :जिसके बाद आज सैकड़ों की संख्या में कांग्रेसी कार्यकर्ता और स्थानीय ग्रामीणों ने प्रतापपुर थाने का घेराव किया और ग्राम पंचायत सचिव के खिलाफ शिकायत करते हुए एफआईआर दर्ज करने की मांग की. फिलहाल पुलिस ने शिकायत दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है और दोषियों पर कार्यवाई की बात कह रही है. वहीं इस पूरी घटना के बाद कांग्रेस की गुटबाजी फिर से खुलकर सामने आई है. प्रदेश के कैबिनेट मंत्री पर उन्हीं के पार्टी के पदाधिकारी गंभीर आरोप लगा रहे हैं.अब देखने वाली बात ये होगी कि इस पूरे मसले पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल क्या पहल करते हैं.