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सूरजपुर: अमीरों को मिला PM आवास, गरीबों के नाम 'झोपड़ीवास'

प्रतापपुर नगर पंचायत में गरीबों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ नहीं मिल रहा है. आवास योजना में लापरवाही के कारण गरीब झोपड़ी में रहने को मजबूर हैं, तो अमीरों के नाम प्रधानमंत्री आवास बने हैं. इलाके के लोगों का आरोप लगाया है कि अधिकारी-कर्मचारी के साथ मिली भगत कर जो पात्र नहीं हैं, उनको प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दिया जा रहा है, जिससे जो पात्र व्यक्ति हैं, वे आज भी झोपड़ी में रहने को मजबूर हैं.

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झोपड़ियों में रह रहे लोग

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Published : Jun 7, 2020, 5:41 PM IST

Updated : Jun 7, 2020, 7:54 PM IST

सूरजपुर:प्रधानमंत्री आवास योजना केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है. इसके तहत ऐसे सभी परिवार को पक्का मकान उपलब्ध कराने का लक्ष्य है, जिनके पास अपना मकान नहीं है, लेकिन जिम्मेदारों की लापरवाही के कारण प्रतापपुर इलाके के लोग आज भी टूटे-फूटे झोपड़ी में रहने को मजबूर हैं.

गरीबों के नाम 'झोपड़ीवास'

प्रधानमंत्री आवास योजना को शुरू हुए 5 साल बीतने को है, लेकिन प्रतापपुर इलाके के लोगों को न आज तक आवास मिला और न ही किसी तरह की योजनाओं का लाभ मिला है. लोगों का कहना है कि इलाके में योजनाएं अनियमितता और जनप्रतिनिधियों के मनमर्जी के भेंट चढ़ गई है. प्रतापपुर के लोग प्रधानमंत्री आवास योजना से काफी दूर हैं. कई बार नगर पंचायत में आवेदन करने के बाद भी लोगों को आवास योजना का लाभ नहीं मिल रहा है.

गरीबों के नाम 'झोपड़ीवास'

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प्रतापपुर में 324 आवास हुए स्वीकृत

प्रतापपुर नगर पंचायत में पिछले कुछ वर्षों में 324 आवास स्वीकृत हुए हैं, सूची को देखें तो इनमें अधिकांश उन्हीं लोगों के नाम हैं, जिनके पास पहले से ही पक्के मकान हैं. सबसे बड़ी बात यह है कि नगर में बहुत से आवास ऐसे हैं, जो सिर्फ कागजों में बने हैं, जमीन पर इनका नामों निशान नहीं है. इतना ही नहीं यह सभी घर अमीर लोगों के नाम पर स्वीकृत हुए हैं, जो हितग्राही पात्र हैं, वह योजना से वंचित हैं. गरीब और जरूरतमंद परिवारों की दयनीय स्थिति में रहने की मजबूरी नगर के वार्ड क्रमांक 1, 2, 8, 10, 11, 12, 13, 14, 15 सहित नगर के अन्य हिस्सों में देखी जा सकती है. जहां झोपड़ीनुमा घरों में लोग रहने को मजबूर हैं.

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आवास नहीं होने का दिया है शपथ पत्र
आवास योजना का लाभ लेने के लिए हितग्राही को एक शपथ पत्र देना होता है, जिसमें उनको स्पष्ट करना होता है कि उसकी न्यूनतम आय के साथ परिवार के किसी भी सदस्य का पक्का मकान नहीं है, जिसके लिए लोगों ने शपथ पत्र तो दिया, लेकिन इसमें सच्चाई बहुत कम होती है. अधिकारी कर्मचारियों के साथ मिली भगत कर जो पात्र नहीं होते उनको प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दिया जा रहा है, जिससे जो पात्र व्यक्ति हैं, वह झोपडी में रहने को मजबूर हैं.

Last Updated : Jun 7, 2020, 7:54 PM IST

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