सूरजपुर:कोरोना संकट के दौर में स्कूली बच्चे घर पर ही रहकर पढ़ सकें, इसके लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने 'पढ़ई तुंहर दुआर पोर्टल' की शुरुआत की थी. उद्देश्य था कि कोरोना संक्रमण काल में बच्चों को स्कूल न जाना पड़े और घर पर ही उनको अच्छी शिक्षा मिल सके, लेकिन सूरजपुर जिले में संसाधनों की कमी और नेटवर्क की समस्या के कारण शिक्षकों की कड़ी मेहनत के बाद भी रिजल्ट नहीं मिल रहा है. शहरी इलाके के साथ-साथ शहर के आसपास के इलाकों में शुरुआत में बच्चों ने ऑनलाइन पढ़ाई में रूचि दिखाई, लेकिन नेटवर्क और मोबाइल फोन की समस्या से ऑनलाइन पढ़ाई योजना आगे नहीं बढ़ पा रही है. ऐसे में योजना के क्रियान्वयन पर सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं.
ग्रामीण क्षेत्रों का हाल बताते हुए छात्र कहते हैं कि 'लॉकडाउन और कोरोना वायरस के उपजे हालात में मजबूरी के कारण हमें ऑनलाइन पढ़ाई करना पड़ रहा है. वर्तमान में घर पर एक ही मोबाइल है, जिसे पापा मजदूरी पर जाते समय ले जाते हैं. दूसरा मोबाइल खरीदने के लिए पैसे नहीं हैं. इस वजह से दूसरों से मोबाइल मांग कर पढ़ाई करना पड़ता है. इंटरनेट डॉटा के लिए भी रुपये जुटाने पड़ते हैं, तब जाकर हम ऑनलाइन पढ़ाई कर पाते हैं. जिस दिन मोबाइल नहीं मिल पाता है उसके बाद हमारा कोर्स पीछे हो जाता है और हम उस सब्जेक्ट को दोबारा नहीं पढ़ पाते हैं'.
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