सूरजपुर : कोरोना संकट को देखते हुए राज्य सरकार ने वार्षिक वेतन वृद्धि पर रोके लगाने का फैसला लिया था. इस फैसले का लगातार कर्मचारी संघ विरोध कर रहे हैं. इस कड़ी में अधिकारी और कर्मचारी फडरेशन ने काली पट्टी लगाकर विरोध प्रदर्शन किया.
काली पट्टी लगाकर किया विरोध दरअसल, जिले के अधिकारी और कर्मचारी फडरेशन ने प्रांतीय निकाय के आह्वान पर यह आंदोलन शुरू किया. कर्मचारी नेताओं ने बताया कि तीन सूत्रीय मांग को लेकर यह आंदोलन शुरू किया गया है. मुख्यमंत्री को ज्ञापन दिये ज़ाने के बाद भी यदि किसी प्रकार की सकारात्मक पहल नहीं की गई. तो वे विरोध प्रदर्शन बड़े स्तर पर करेंगे.
अधिकारी और कर्मचारी फडरेशन ने 30 जून तक काली पट्टी लगाकर कार्य करने का निर्णय लिया है. इसके बाद भी मांगे पूरी नहीं हुई तो वे बड़ा आंदोलन करने की तैयारी में है. इस विरोध प्रदर्शन में फडरेशन के अधिकारी और कर्मचारियों ने हिस्सा लिया. बता दें कि अलग-अलग जिले में लगातार विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है.
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कोरोना काल में छत्तीसगढ़ सरकार के वेतन वृद्धि नहीं करने के फैसले से कर्मचारियों में आक्रोश है. तीसरे और चौथे वर्ग के अधिकारी-कर्मचारी काली पट्टी लगाकर इस फैसले का विरोध कर रहे है. कोरबा में भी लिपिक संघ के कर्मचारियों ने विरोध प्रदर्शन किया था.
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प्रदेश लिपिक संघ के प्रांतीय सचिव जेपी खरे ने बताया था कि कोरोना से लड़ाई के लिए प्रदेश सरकार ने सभी सरकारी कर्मचारियों के 1 दिन के वेतन में कटौती की थी, जिसमें उनकी भी सहमति थी, लेकिन अब कर्मचारियों की वेतन वृद्धि रोकी जा रही है. जिसका वे विरोध करते हैं. जेपी खरे ने बताया कि सरकार ने फैसला लिया है कि सभी कर्मचारियों के वेतन में 2020-21 तक कोई बढ़ोतरी नहीं की जाएगी. जिससे हर कर्मचारी को एक लाख से लेकर 2 लाख तक का नुकसान होगा. वहीं छत्तीसगढ़ सरकार के इस फैसले से प्रदेश भर के 5 लाख से ज्यादा कर्मचारी प्रभावित होंगे.