सूरजपुर:छत्तीसगढ़ में ब्लैक फंगस के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं(Black fungus case in chhattisgarh) कोरोना के बाद सूरजपुर में भी ब्लैक फंगस के मामले बढ़ रहे हैं. बीते दिनों सूरजपुर जिले में ब्लैक फंगस के 2 केस (Black fungus case in Surajpur) सामने आए हैं. दोनों मरीजों का इलाज रायपुर के एम्स अस्पताल में चल रहा है.
सूरजपुर में ब्लैक फंगस का एक और मरीज मिला कुछ दिनों पहले एक शिक्षक में ब्लैक फंगस की पुष्टि हुई थी. वहीं भैयाथान ब्लॉक में एक व्यक्ति के सीटी स्कैन के बाद ब्लैक फंगस के लक्षण देखे गए हैं. जिसे इलाज के लिए रायपुर के एम्स रेफर कर दिया गया है.
अलर्ट मोड पर स्वास्थ्य विभाग
स्वास्थ्य विभाग भी ब्लैक फंगस को लेकर अलर्ट मोड पर है. ब्लैक फंगस के लक्षण (Symptoms of Black Fungus) सामने आते ही स्वास्थ्य विभाग मरीजों की जांच कर इलाज करने का प्रयास कर रहा है. जिला अस्पताल के सीएमएचओ डॉक्टर आरएस सिंह ने बताया कि स्वास्थ्य महकमा ब्लैक फंगस को लेकर पूरी तरह तैयार है. इलाज के लिए जरूरी दवाइयां (black fungus treatment) और सुविधाएं जिला अस्पताल में मुहैया करा ली गई हैं.
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दूसरी लहर में ब्लैक फंगस के केस क्यों आ रहे हैं सामने
कोरोना की पहली लहर में ऐसे किसी फंगस के मामले सामने नहीं आए थे. लेकिन इस बार फंगस डिजीज की शिकायत आने के सवाल पर डॉ. मोहनीश ग्रोवर ने कहा कि फिलहाल इस पर गंभीर शोध चल रहा है. लेकिन अब तक जो तथ्य सामने आए हैं, उनके अनुसार पहले स्ट्रेन और दूसरी स्ट्रेन में फर्क है. दूसरी लहर में कई लोगों ने घर पर रहकर उपचार करवाया और घर पर रहकर स्टेरॉइड का भी इस्तेमाल किया. चूंकि वो घर पर रहकर दवाई ले रहे थे, ऐसे में शुगर लेवल की मॉनिटरिंग नहीं हो पाई. जिससे वह ब्लैक फंगस की गिरफ्त में आ गए.
ब्लैक फंगस होने पर तत्काल करवाएं इलाज: डॉक्टर
डॉ. ग्रोवर ने कहा कि ब्लैक फंगस होने के कई कारण हो सकते हैं, जिन पर फिलहाल शोध किया जा रहा. इसके साथ ही दुनिया में हरे रंग के फंगस के सबसे ज्यादा केस देखने को मिलते हैं. लेकिन इन फंगस से घबराने की बिल्कुल जरूरत नहीं है, और ना ही कौन सा फंगस किस रंग का है ये जानने का समय है. जरूरत इस बात की है कि फंगस जितनी भी है, ज्यादातर का बहुत अच्छा इलाज संभव है. सिर्फ म्यूकर माइकोसिस जिसे ब्लैक फंगस कहते हैं, उसका इलाज समय पर और तेजी से करने की आवश्यकता है. नहीं तो मरीज की जान भी जा सकती है.