अंबिकापुर: सरगुजा के अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल (Ambikapur Medical College Hospital) में बीते 3 दिनों में 7 बच्चों की मौत से पूरा छत्तीसगढ़ हिल गया है. इन सात बच्चों में 5 बच्चे नवजात थे. सीएम बघेल ने प्रभारी मंत्री शिव डहरिया को रायपुर से सरगुजा भेजा है. हालत को देखते हुए स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने अपना दिल्ली दौरा रद्द कर दिया है और वह अंबिकापुर पहुंचे. यहां पहंचने के बाद टीएस सिंहदेव ने अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज के एसएनसीयू वार्ड में समीक्षा की और डॉक्टरों से बात की है. स्वास्थ्य विभाग ने इस केस में एक चार सदस्यीय जांच टीम गठित की है. जो मामले की जानकारी लेंगे और जांच रिपोर्ट सौपेंगे. इस बात की जानकारी डीन आर मूर्ति ने दी है.
शिशु रोग विभाग के प्रमुख डॉ जेके रेलवानी का बयान
अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज (Ambikapur Medical College Hospital) के एसएनसीयू के डॉ. जेके रेलवानी ने जानकारी दी है . बच्चों को भर्ती करने के दौरान उनके परिजनों को पूरी जानकारी दे दी जाती है. जब बच्चे गंभीर हालत मे आते हैं तो परिणाम हमारे पक्ष में नहीं रहते हैं. यहां जो बच्चे भर्ती हैं उनकी स्थिति क्रिटिकल कंडीशन (Critical Condition) में थी. उन्होंने बताया कि जिन बच्चों की मौत हुई है वे प्री मेच्योर थे. समय से पहले बच्चों का जन्म होने पर इस तरह की समस्याएं आती हैं. उन्हें वेंटिलेटर पर रखकर उपचार किया जाता है. किसी बच्चे में खून की कमी नहीं थी. अस्पताल की तरफ से किसी प्रकार की लापरवाही नहीं हुई है.
जिन नवजात की मौत हुई वह प्री मैच्योर थे-सुमन तिर्की
SNCU की प्रभारी डॉ. सुमन सुधा तिर्की (Dr. Suman Sudha Tirkey, in-charge of SNCU) ने बताया कि शनिवार को जिन 5 नवजात बच्चों की मौत हुई है. वह सभी प्री मैच्योर थे. समय पूरा होने से पहले ही उनका जन्म हो गया था. जिसकी वजह से उनके अंग पूरी तरह विकसित नहीं हुए थे. इनमे से 2 बच्चों का वजन एक किलो से भी कम था. सुमन तिर्की ने बताया कि 16 अक्टूबर को 5 बच्चों की मौत हुई है. इन पांच बच्चों में से 4 बच्चे बाहर से यहां आए थे. एक दिन के अंदर ही इन बीमार बच्चों की मौत हुई है. लेट रेफरल की वजह से इन बच्चों की मौत हुई है. SNCU में 5 बच्चों की मौत हुई है. 17 तारीख की डेट में SNCU में किसी बच्चों की मौत नहीं हुई है. जबकि वार्ड में दो बच्चों की मौत हुई है. तीन दिन के अंदर डॉक्टर सुमन ने बताया कि 7 बच्चों की मौत हुई है
SNCU की प्रभारी डॉ. सुमन सुधा तिर्की परिजनों ने स्वास्थ्य विभाग पर लगाए गंभीर आरोप
बच्चों की मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल पर लापरवाही के आरोप लगाए हैं. लेकिन अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल प्रबंधन (Ambikapur Medical College Hospital Management) ने किसी भी तरह की लापरवाही से इंकार किया है. एक बीमार नवजात बच्चे के पिता महेश कुमार ने बताया कि उनका बच्चा अभी अस्पताल में भर्ती है. उन्होंने कहा कि यहां के डॉक्टर खुलकर कुछ नहीं बता रहे हैं. उन्होंने अस्पताल पर कई गंभीर आरोप भी लगाए हैं. अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल (Ambikapur Medical College Hospital) में 7 बच्चों की मौत के बाद हंगामा मच गया.
घटना के बाद गुस्साए परिजन ने एनसीएच भवन के बाहर सड़क पर चक्का जाम कर धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया था. घटना की जानकारी मिलने के बाद मौके पर पहुंची पुलिस टीम और प्रबंधन द्वारा लोगों को समझाइश दी गई. जिसके बाद मामला शांत हुआ. परिजन ने बच्चों की मौत को लेकर प्रबंधन पर लापरवाही और सही उपचार नहीं मिलने का आरोप लगाया है. जबकि पूरे मामले में प्रबंधन का कहना है कि अस्पताल में डॉक्टरों द्वारा बच्चों की बेहतर देखभाल की गई है. मृत बच्चे प्री मेच्योर थे.
अंबिकापुर में 7 बच्चों की मौत लापरवाही पाए जाने पर कार्रवाई होगी-सिंहदेव
सरगुजा पहुंचने पर स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव (Health Minister TS Singhdeo) ने बच्चों की मौत मामले में डॉक्टरों से बात की है. उन्होंने कहा कि एक दिन के अंदर इतने बच्चों की मौत होना चिंताजनक है. हमारे यहां मोटेलिटी रेट कम है बांकी जगह अधिक यह कह देना इसका समाधान नहीं है. जरूरत यह जानने की थी कि, क्या ऐसे कारण थे कि एक दिन में इतने बच्चों की मौत हो गई. जब स्वास्थ्य मंत्री को एक परिजन ने देखा तो वह बिलख कर रो पड़ा सिंहदेव ने परिजन को बताया कि सरकारी डॉक्टर ने उसे प्राइवेट अस्पताल में भेजा था. वह बाइक बेचकर 40 हजार रुपया देकर बच्चे का इलाज कराया है. इस बात पर स्वास्थ्य मंत्री (Health Minister) ने डॉक्टरों की क्लास लगाई है. स्वास्थ्य मंत्री (Health Minister) ने इस तरह बच्चों की मौत को चिंताजनक बताया है.
सिंहदेव ने कहा कि दो दिन में सात बच्चों की मौत हो जाना चिंता जनक है. इसलिए दिल्ली से वापस आना पड़ा. एसएनसीयू (SNCU) की जानकारी लेने के बाद स्वास्थ्य मंत्री स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की बैठक ली. सिंहदेव ने कहा की दो दिन में सात बच्चों की मौत हो जाना चिंता जनक है. अगर इस मामले में किसी की गलती सामने आती है तो निश्चित ही कार्रवाई होगी.