सूरजपुर: जिले का प्रतापपुर फॉरेस्ट रेंज हाथियों की कब्रगाह बनता जा रहा है. बुधवार को एक और हथिनी की यहां मौत हो गई. हथिनी का शव कनक नगर के पास मिला है. बड़ी बात तो ये है कि कल यानि मंगलवार को भी बांध के किनारे एक हथिनी का शव मिला था, जिसकी सूचना भी गांव वालों ने ही वन विभाग को दी थी. हाथियों की सुरक्षा को लेकर वन विभाग कितना मुस्तैद है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि बीते 20 दिनों में प्रतापपुर वनमंडल में 3 हथिनियों की मौत हुई है.
20 दिनों में 3 मादा हाथी की मौत एक के बाद हथिनी की मौत से सकते में वन विभाग
बीते हफ्ते केरल के मल्लापुरम में गर्भवती हथिनी के साथ हुई बर्बर घटना अभी जेहन से उतरी भी नहीं थी कि छत्तीसगढ़ के सूरजपुर में एक के बाद एक लगातार 3 हथिनियों की मौत हुई है. बीते 20 दिनों में ही प्रतापपुर वन रेंज के अलग-अलग क्षेत्रों में 3 हथिनियों के शव मिले. इन घटनाओं ने वन विभाग को भी सकते में डाल दिया है.
वन विभाग ने जताई आशंका
मंगलवार को प्रतापपुर वन परिक्षेत्र में 15 वर्षीय हथिनी का शव मिला था. प्रतापपुर से 7 किलोमीटर दूर गणेशपुर में हथिनी का शव मिला था. वन विभाग के SDO ने आपसी द्वंद्व में मौत की आशंका जताई थी. बता दें कि प्रतापपुर वन परिक्षेत्र के अंतर्गत RF 42 के सर्किल धरमपुर के अंतर्गत गणेशपुर के जंगल में सुबह ग्रामीणों ने बांध के किनारे हथिनी का शव देखा था. ग्रामीणों ने इसकी सूचना तत्काल वन विभाग प्रतापपुर को दी, जबकि घटनास्थल प्रतापपुर मुख्यालय से महज 7 किलोमीटर की दूरी पर है. वन विभाग के मुताबिक 15 वर्षीय हथिनी प्यारे दल की सदस्य थी. इस दल में लगभग 18 सदस्य हैं.
एक के बाद एक घटनाओं से रोष
एक तरफ बीते दिनों केरल के मल्लापुरम में हुई घटना से पूरे देश में रोष है, तो वहीं दूसरी तरफ छत्तीसगढ़ के सूरजपुर में हथिनियों के रोज मिल रहे शव वन विभाग की कार्यशैली पर बड़ा सवाल खड़ा कर रहे हैं.