सरगुजा: उदयपुर विकासखंड के मानपुर ग्राम पंचायत के महेशपुर में प्राचीन मंदिर और उसमें रखी मूर्तियों का अस्तित्व खतरे में है. स्थानीय बताते हैं पुरातत्व स्थल से 300 मीटर की दूरी पर स्टोन क्रशर संचालित है. जहां हर दिन ब्लास्टिंग हो रही है. जिसके तेज कंपन से मंदिर और उसमें रखी मूर्तियों में भी दरारें आ रही है. इसके अलावा यहां की सड़कों से ओवर लोडेडे वाहन के गुजरने से सड़कों का हाल भी बेहद खराब है.
अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही कलचुरी राजाओं के दौर की मूर्तियां बताते हैं, अंबिकापुर-बिलासपुर मुख्य मार्ग बनाने वाली कंपनी ने मोहनपुर गांव में क्रशर मशीन लगाई है. यहीं से सड़क निर्माण के लिए गिट्टी, पत्थर और निर्माण सामग्रियों का परिवहन किया जा रहा है. जिसके लिए इस रास्ते से भारी वाहनों का आवाजाही लगा रहता है. भारी वाहनों के आवागमन और क्रशन मशीन से होने वाली तेज कंपन के कारण मंदिर की दीवारों को काफी नुकसान हो रहा है.
भारी वाहनों के कारण सड़कें खराब
मोहनपुर गांव के उप सरपंच शुभ्रा सिंह ने बताया कि सड़क निर्माण में लगी कंपनी से भारी वाहनों का परिचालन पुरातत्व स्थल के रास्ते से बंद करने और सड़कों की मरम्मत के लिए कई बार कंपनी के अधिकारियों को कहा गया है, लेकिन आज तक कंपनी के अधिकारियों ने इस मामले में कोई पहल नहीं की है.
10वीं शताब्दी की है मूत्रियां
ग्रामीण बताते हैं, वर्षों पहले पुरातत्व विभाग के लोगों ने यहां कुछ टीलों की खुदाई कर मूर्तियों को बाहर निकाला था. पुरातत्व विभाग के अधिकारियों के मुताबिक यहां रखी मूर्तियां 10वीं शताब्दी के कलचुरी राजाओं के समय की है. यहां विष्णु, वराह, वामन, सूर्य, नरसिंह, उमा महेश्वर के साथ नायिकाएं और कृष्ण लीला से संबंधित मूर्तियां खुदाई के दौरान निकली है. इन मूर्तियों के कारण यहां हर साल हजारों की संख्या में सैलानी पहुंचते हैं. वहीं क्रशर मशीन चलने से इन मूर्तियों के अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है. ग्रामीणों का कहना है कि मामले में उन्होंने कई बार इसकी शिकायत पुरातत्व विभाग के अधिकारियों के साथ एसडीएम और कलेक्टर से की है, लेकिन आज तक मामले में कोई सुनवाई नहीं हुई है.