सुकमा: छत्तीसगढ़ पुलिस ने सुकमा में बुनियादी शिक्षा सुविधा के लिए 'पुलिस की पाठशाला' स्थापित की है. शिक्षा का संस्कार देते हुए नक्सल विरोधी अभियान से लौटने वाले पुलिस के जवान क्षेत्र के बच्चों में आत्मविश्वास जगा रहे हैं. साथ ही बुनियादी सुविधाओं की पहुंच बढ़ाकर इलाके के समाज की मुख्य धारा से भी जोड़ रहे हैं. सुकमा एसपी सुनील शर्मा के मुताबिक "यह पहल पूना नर्कोम अभियान के तहत की गई है."
पुलिस के मिल रहा के है स्थानीय लोगों का सहयोग: सुकमा एसपी सुनील शर्मा के मुताबिक "नक्सल विरोधी अभियान से लौटने के बाद शिविर में तैनात अधिकारी खाली समय में इस स्कूल में बच्चों को पढ़ाते हैं और उन्हें शिक्षा से जोड़ने का प्रयास करते हैं."
Civic Action Program in Sukma: अतिनक्सल प्रभावित डब्बा मरका में जवानों ने किया सिविक एक्शन कार्यक्रम, 2 दिन पहले 33 नक्सलियों ने किया था सरेंडर
जानिए क्या है पूना नर्कोम अभियान: पूना नर्कोम स्थानीय गोंडी बोली का शब्द है, जिसका मतलब है 'नई सुबह'. अभियान का उद्देश्य नक्सल प्रभावित इलाके में सुरक्षा देने के साथ ही वहां का विकास करना है. युवाओं को रोजगार से जोड़ते हुए पुलिस क्षेत्र में बुनियादी सुविधाओं की पहुंच बढ़ाने के लिए काम कर रही है. इस अभियान की शुरुआत 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर की गई थी.
युवाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए प्रशिक्षण दे रही पुलिस:पूना नर्कोम अभियान फिलहाल एक साल के लिए है. हर तीन महीने पर इसके असर को आंका जा रहा है. युवाओं को स्वरोजगार के लिए ट्रेनिंग देने के साथ ही पुलिस और आर्मी की भर्ती के लिए तैयार भी किया जा रहा है. एसपी सुनील शर्मा के मुताबिक "अभियान में शुरू से ही लोगों का सहयोग मिल रहा है. बिना किसी डर के लोग पुलिस के पास अपनी समस्याएं लेकर आ रहे हैं." नक्सलवाद को छुटकारे के लिए लोग हर स्तर पर न सिर्फ खुलकर आगे आ रहे हैं, बल्कि पुलिस का सहयोग भी कर रहे हैं.